जल्द ही 4 अरब डॉलर के पार जा सकती है OYO की वैल्यू

punjabkesari.in Thursday, Aug 16, 2018 - 11:09 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः ओयो रूम्स के संस्थापक और सीईओ रितेश अग्रवाल सफलता का एक ऐसा उदाहरण हैं, जो साबित करते हैं कि ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए औपचारिक शिक्षा ही सबकुछ नहीं है। महज 24 साल की उम्र में रितेश ने लाखों करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी। कंपनी अब 1 अरब डॉलर (70 अरब रुपये) फंड जुटाने को लेकर बातचीत कर रही है। यदि सबकुछ प्लान के मुताबिक रहा तो यह 4 अरब डॉलर से अधिक वैल्यूएशन वाली कंपनियों की सूची में शामिल हो जाएगी।

बनेगी 4 अरब डॉलर की कंपनी
खबरों के मुताबिक चीन में तेजी से पैर पसार रहा गुड़गांव का यह स्टार्टअप दो कॉन्सॉर्टियम से बातचीत कर रहा है। इनमें संयुक्त रूप से सॉफ्टबैंक विजन फंड और वी-वर्क के अलावा अमेरिकी स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टर्स का समूह शामिल है। 4 अरब डॉलर वैल्यूएशन होने पर ओयो सर्वाधिक वैल्यू वाली भारतीय इंटरनेट कंपनियों की सूची में फ्लिपकार्ट (20 अरब डॉलर) और पेटीएम (10 अरब डॉलर) के बाद तीसरे नंबर पर होगा।

18 साल की उम्र में शुरु की कंपनी
18 साल की उम्र में रितेश ने ओरेवल स्टे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत की। यह कंपनी होटल्स के मूल्य कम करके लोगों को आधे दाम में कमरा दिलवाती थी लेकिन रितेश को इससे भी संतोष नहीं था। उनका कहना था की लोग रुक जाते है लेकिन उन्हें बाकी की सुविधाएं नहीं मिलती है और ना ही गेस्ट एन्जॉय कर पाते है। इसीलिए कुछ बड़ा करने के विचार से रितेश ने साल 2013 में इस कंपनी का नाम बदलकर ओयो रूम्स कर दिया।

सॉफ्ट बैंक से मिली 100 मिलियन डॉलर की मदद
रितेश का काम आसामान छू गया जब साल 2015 में सॉफ्ट बैंक ने उन्हें 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी। इससे रितेश का काम 400 होटल्स तक पहुंच गया जो की 160 शहरों में थे। इसके बाद रितेश को कई सारे सम्मान मिले। आज मात्र 2 वर्षों में 100000 कमरों के साथ देश की सबसे बड़ी आरामदेह एवं सस्ते दामों पर लागों को कमरा उपलब्ध कराने वाली कंपनी बन चुकी है। इसी वर्ष कंपनी ने मलेशिया में भी अपनी सेवाएं देना शुरु कर दिया है और आने वाले समय में अन्य देशों में भी अपनी पहुंच बनाने जा रही है।


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Supreet Kaur

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