मानसून और रुपए की चाल से तय होगी शेयर बाजार की दिशा

punjabkesari.in Sunday, Jun 17, 2018 - 03:11 PM (IST)

मुंबईः दवा और आईटी कंपनियों में हुई लिवाली के दम पर लगातार चौथे सप्ताह तेजी दर्ज करने वाले शेयर बाजार की दिशा आगामी सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढाव,वैश्विक रुख और मानसून तथा भारतीय मुद्रा की चाल से तय होगी। आलोच्य सप्ताह के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.50 फीसदी यानी 178.47 अंक की साप्ताहिक बढ़त के साथ 35,622.14 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50.05 अंक यानी 0.46 प्रतिशत की बढ़त में 10,817.70 अंक पर बंद हुआ। इस दौरान बीएसई का मिडकैप 0.13 प्रतिशत यानी 21.17 अंक की गिरावट में 16,001.20 अंक और स्मॉलकैप 74.03 यानी 0.44 प्रतिशत की तेजी में 16,961.16 अंक पर रहा। 

समीक्षाधीन अवधि में औद्योगिक उत्पादन के सकारात्मक आंकड़ों और अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच हुई सफल बातचीत से बाजार की धारणा कुलमिलाकर सकारात्मक रही। हालांकि, इस पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढाने और थोक महंगाई दर, खुदरा महंगाई दर, चालू खाता घाटे तथा व्यापार घाटे के निराश करने वाले आंकड़ों का दबाव बना रहा। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले माह अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 4.9 फीसदी दर्ज की गयी है।

आंकड़ों के अनुसार आलोच्य अवधि में अप्रैल 2018 में खनन में 5.1 प्रतिशत, विनिर्माण में 5.2 प्रतिशत एवं बिजली में उत्पादन वृद्धि दर 2.1 फीसदी रही है। पिछले वित्त वर्ष में खनन में 2.3 प्रतिशत, विनिर्माण में 4.5 प्रतिशत तथा बिजली में वृद्धि दर 5.4 फीसदी दर्ज की गई है। आगामी सप्ताह तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक की बैठक होने वाली है। बैठक के फैसले पर निवेशकों की नजर बनी हुई है। इसके इलावा निवेशक रुपए की चाल पर नजर बनाए रखेंगे। बीते सप्ताह रुपया 51 पैसे फिसलकर 68.02 रुपये प्रति डॉलर रहा था। अमेरिका और चीन के बीच तनातनी बढऩे का असर भी घरेलू शेखर बाजार पर दिखेगा। अमेरिका के साथ आयात शुल्क के मसले पर भारत का भी विवाद बढ़ता दिख रहा है। अमेरिका के आयात शुल्क के बदले में भारत ने भी करीब उतनी ही राशि के अमेरिकी आयात पर शुल्क बढाने के बारे में विश्व व्यापार संगठन को जानकारी दी है। 
 


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jyoti choudhary

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