ISI के पूर्व प्रमुख ने खोला राज- मोदी के PM बनने से खुश थी पाक की खुफिया एजैंसी

punjabkesari.in Saturday, May 26, 2018 - 02:32 PM (IST)

रावलपिंडीः पाकिस्तान आर्मी  ने एक किताब  में भारत के प्रधानमंत्री मोदी को लेकर लिखी खास बात पर ISI के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) असद दुर्रानी को तलब किया  है। दरअसल, दुर्रानी ने हाल में पूर्व रॉ चीफ ए. एस. दुलत के साथ मिलकर एक किताब लिखी है, जिसपर पाकिस्तान भड़क गया है। शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने बताया कि उन्हें सेना मुख्यालय बुलाया गया है ताकि उनकी किताब 'स्पाई क्रॉनिकल' में लिखे उनके विचारों पर उनकी स्थिति को समझा जा सके।

इंटर-सर्विसिज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्विटर पर लिखा, 'ले. जनरल (सेवानिवृत्त) असद दुर्रानी को 28 मई, 2018 को जीएचक्यू में बुलाया जा रहा है।' दुर्रानी को उनकी किताब 'स्पाई क्रॉनिकल' में लिखे उनके विचारों पर अपनी स्थिति की व्याख्या करने के लिए कहा जाएगा। मेजर जनरल गफूर ने आगे कहा कि एट्रिब्यूशन को सभी सेवा और सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों पर लागू आचार संहिता के उल्लंघन के रूप में लिया जाता है।

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता रजा रब्बानी द्वारा किताब पर उठाए गए सवालों के बाद सेना की ओर से ये एक्शन लिया गया। शुक्रवार को इस्लामाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए शरीफ ने मांग की थी कि दुर्रानी द्वारा लिखी पुस्तक पर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की आपातकालीन बैठक बुलाई जाए। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों को देखने के लिए भरोसेमंद राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि दुर्रानी और दुलत द्वारा लिखी किताब 'स्पाई क्रॉनिकल' हाल ही में प्रकाशित हुई है जिसमें कश्मीर समस्या, करगिल युद्ध, ओसामा बिन लादेन का मारा जाना, कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी, हाफिज सईद, बुरहान वाणी समेत कई मुद्दों पर बात की गई है। इस किताब में यह भी दावा किया गया है कि पाकिस्तानी की जासूस एजेंसी ISI नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से खुश थी।

किताब में दुर्रानी ने लिखा है कि  ISIS  की पहली पसंद मोदी ही थे। विस्तार से समझाते हुए उन्होंने किताब में लिखा कि ISI आस लगाए बैठा है कि मोदी कोई ऐसा कदम उठाएं, जिससे भारत की सेक्युलर छवि को नुकसान पहुंचेगा और जिसका पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर फायदा होगा। यही कारण है कि इस किताब का पाकिस्तान में विरोध हो रहा है।

 

 


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Tanuja

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