दीपक कोचर से जुड़ी कंपनियां बढ़ा सकती हैं ICICI बैंक की मुश्किलें

punjabkesari.in Tuesday, Apr 24, 2018 - 10:38 AM (IST)

नई दिल्लीः आई.सी.आई.सी.आई. बैंक को 3 कंपनियों पैसिफिक कैपिटल सर्विसिज, सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एस.ई.पी.एल.) और पिनाकल एनर्जी को रिलेटिड पार्टीज के तौर पर घोषित करना चाहिए था, इस बात का पता लगाने में जांच एजैंसियां जुटी हुई हैं। ये कंपनियां बैंक की सी.ई.ओ. चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी नूपॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (एन.आर.पी.एल.) में शेयर होल्डिंग के ट्रांसफर में शामिल थीं।

जांच एजैंसियां इस संभावना को खंगाल रही हैं कि इस तरह का खुलासा नहीं करना कंपनीज एक्ट, 2013 का उल्लंघन हो सकता है या नहीं। इस एक्ट के सैक्शन 184 में कहा गया कि एक कंपनी (सरकारी और प्राइवेट दोनों) के हर डायरैक्टर को अपने थर्ड पार्टी हितों का खुलासा करना चाहिए। दिसम्बर 2008 में वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत और दीपक कोचर ने एन.आर.पी.एल. की शुरूआत की थी। इस कंपनी में धूत की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत और बाकी शेयरहोल्डिंग दीपक कोचर तथा पैसिफिक कैपिटल के पास थी। पैसिफिक कैपिटल के मालिक दीपक कोचर के पिता और चंदा कोचर के भाई की पत्नी नीलम अडवानी थी।

दूसरी कंपनी एस.ई.पी.एल. के मालिक धूत थे। धूत से कोचर को शेयर्स के ट्रांसफर और फिर कोचर तथा उनके रिश्तेदारों की पैसिफिक कैपिटल से एस.ई.पी.एल. को ट्रांसफर से मार्च 2010 तक एन.आर.पी.एल. में एस.ई.पी.एल. 94.99 प्रतिशत की शेयर होल्डर बन गई थी। कोचर के पास लगभग 5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। नवम्बर 2010 में धूत ने एस.ई.पी.एल. में अपनी पूरी होल्डिंग सहयोगी महेश चंद्र पुंगलिया को ट्रांसफर कर दी थी। पुंगलिया से सी.बी.आई. 2 बार पूछताछ कर चुकी है।

आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की ओर से धूत के वीडियोकॉन ग्रुप को 2012 में 3,250 करोड़ रुपए का लोन देने में पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोपों की इन्कम टैक्स डिपार्टमैंट, सीरियस फ्रॉड इनवैस्टीगेशन ऑफिस तथा सी.बी.आई. जैसी एजैंसियां जांच कर रही हैं। हालांकि  बैंक के बोर्ड ने वीडियोकॉन को लोन देने में पक्षपात, भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों को गलत बताया है।

चंदा कोचर को मिली थी क्लीन चिट
मामले के जानकार लोगों ने कहा कि शेयरधारकों की शिकायत के बाद आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के चेयरमैन एम.के. शर्मा द्वारा वर्ष 2016 में की गई आंतरिक जांच में सी.ई.ओ. चंदा कोचर को क्लीन चिट मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि निष्कर्षों को अग्रणी कानूनी फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास (सी.ए.एम.) ने समर्थन दिया था। सूत्रों ने बताया कि उस वक्त शर्मा ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पी.एम.ओ.) और केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) के साथ रिपोर्ट का निष्कर्ष सांझा किया। आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के एक प्रवक्ता ने ‘समीक्षा’ की पुष्टि की और कहा कि अधिकारियों के साथ संचार गोपनीय था, जबकि शर्मा  और सिरिल अमरचंद ने इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया।

आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि बैंक में शासन प्रक्रिया और नियामक प्राधिकरणों के साथ संचार विशेषाधिकार प्राप्त जानकारी है और हम मीडिया में उन पर टिप्पणी नहीं करना चाहते। फिर भी हम पुष्टि करना चाहते हैं कि 2016 में मीडिया के एक वर्ग में एक रिपोर्ट को नोट करने के बाद आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के अध्यक्ष ने कॉर्पोरेट ऋण प्रस्तावों संबंधी बैंक में सिस्टम और प्रक्रिया की एक विस्तृत समीक्षा की थी। वर्ष 2012 में बैंकिंग कंसोर्टियम द्वारा वीडियोकॉन समूह को ऋण देने के विनिर्देशों की बारीकियों से समीक्षा की गई थी।

वीडियोकॉन मामले में CBI जांच शुरू 
आई.सी.आई.सी.आई. बैंक और वीडियोकॉन मामले में सी.बी.आई. ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक सी.बी.आई. ने वीडियोकॉन के आला अधिकारियों और दीपक कोचर के खिलाफ  प्राथमिक जांच शुरू की है। दीपक कोचर आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की सी.ई.ओ. चंदा कोचर के पति हैं। सूत्रों के अनुसार सी.बी.आई. ने अब सबूत जुटाने की शुरूआत कर दी है। इस मामले में सी.बी.आई. ने बैंक के नोडल ऑफिसर का बयान दर्ज किया है। वीडियोकॉन को लोन देने में इस नोडल ऑफिसर की अहम भूमिका थी। इसके अलावा दीपक कोचर को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक चंदा कोचर को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इस मामले में सबूत मिलने के बाद एफ.आई.आर. दर्ज हो सकेगी। हालांकि बैंक ने यह साफ  किया है कि उन्हें वीडियोकॉन मामले में एन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट से कोई नोटिस नहीं मिला है।
 


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Supreet Kaur

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