सावधान! जहरीली चाउमीन और सॉस ने जला दिए बच्चे के फेफड़े, तीन बार रूकी हृदयगति

punjabkesari.in Monday, Jun 24, 2019 - 03:15 PM (IST)

यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय): बाजारों में खुले बिकने वाले खाद्य पदार्थ कितने घातक हैं, इसका अंदाजा यमुनानगर में एक बच्चे के  बेहद बीमार होने से लगाया जा सकता है। बच्चा बीमार इसलिए हुआ कि उसने बाजारों में रेहडिय़ों पर बिकने वाली चाउमीन के साथ सॉस खा लिया था। तीन साल के बच्चे की हालत चाउमीन खाने के बाद इतनी ज्यादा खराब हुई कि उसके दिल ने भी काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों ने बड़ी मेहनत से उसकी जान बचाई। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा मौत के मुंह से बच कर आया है।

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सॉस इतनी खतरनाक की हाथ पर गिरे तो जला दे
छोटे बच्चों में फास्टफूड खाने की ललक आम ही होती है। इसी ललक में बच्चे उस्मान ने चाउमीन खाई और गलती से उसने सॉस(चटनी) ज्यादा डाल ली। इस समय कुछ सॉस उसके शरीर पर गिर गई। अब ये सॉस इतनी खतरनाक और जहरीली थी कि बच्चे के जिस हिस्से पर गिरी वह जल गया था।

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अब आप सोचिए कि बच्चे ने चाउमीन के साथ सॉस खाई तो उसके शरीर के अंदरूनी हिस्सों को कितना नुकसान पहुंचा होगा। इस बारे में बच्चे का इलाज करने वाले डॉ. निखिल बंसल ने बताया कि सॉस खाने की वजह बच्चे का फेफड़ा फट गया था और इसी कारण उसकी हालत गंभीर से भी गंभीर हो गई थी। बच्चे का सारा शरीर भी काला पड़ गया था।

अधिक हवा भरने के कारण फटे फेफड़े
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. निखिल ने बताया कि 31 मई को परिवार वाल उस्मान को हॉस्पिटल लेकर आए थे। जब बच्चा हमारे पास आया, तो उसका बीपी डाउन था और नब्ज भी नहीं मिल रही थी। एसिड की वजह से अधिक हवा भरने के कारण फेफड़े फट गए थे, ट्यूब लगाकर फेफड़ों में फंसा मल निकाला गया। डॉक्‍टर ने बताया कि इलाज के दौरान ही उस्मान के हार्ट ने कार्य करना बंद कर दिया था, वेंटिलेटर पर रखना पड़ा।

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एसिटिक एसिड के कारण जले अंदरूनी हिस्से
डॉक्‍टर ने बताया कि इलाज के दौरान ही उस्मान के हार्ट ने कार्य करना बंद कर दिया। इस पर अस्पताल के ही हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएस गाबा ने बच्चे को कृत्रिम सांस देकर बचाया। इस इलाज के दौरान तीन बार बच्चे का हार्ट बंद हुआ क्योंकि एसिटिक एसिड के कारण उसके ऑर्गन अंदर से जल चुके थे। जानकारी के अनुसार अधिकतर सॉस में एसिटिक एसिड होता है।

आयुष्मान योजना बनी वरदान
बच्चे के इलाज के दौरान ऑपरेशन, दवाओं आदि का बहुत ज्यादा खर्च आया, जिसे वहन करने की क्षमता उस्मान के  परिवार में नहीं थी। ऐसे में यहां भारत सरकार की आयुष्मान योजना भी कारगर साबित हुई। बच्चे का जिस अस्पताल में इलाज हुआ वह आयुष्मान भारत योजना का सुविधाओं को उपलब्ध कराता है। फिलहाल, बच्चे की हालत में काफी सुधार है, हालांकि बच्चा अब भी वेंटिलेटर पर है। डॉक्टर्स के मुताबिक ये अपने आप मे ऐसा पहला केस है। वहीं डॉक्टर ने बच्चों को ऐसे जानलेवा फास्टफूड ना खिलाने का आग्रह किया है। 

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आपको अपनी जीभ पर लगानी होगी लगाम
हालांकि, डॉक्टरों ने उस्मान की जिंदगी तो बचा ली है, लेकिन आजकल बाजारों में खुले में बिकने वाली चीजों पर कोई लगाम कसने वाला नहीं है और लोगों की लालच भी खत्म होने वाली है। ऐसे में आपको खुद सोचना होगा आप जो खा रहे हैं क्या वो आपके व आपके अपनों की सेहत के लिए सही है या फिर बस जीभ के स्वाद में ही मशगूल रहना चाहते हैं और सेहत पर बिल्कुल ध्यान नहीं देना चाहते।
 


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Shivam

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