कालाष्टमी 2019: इन मंत्रों का जाप दिला सकता है आपको धन अपार

punjabkesari.in Monday, Jun 24, 2019 - 02:27 PM (IST)

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हमारे हिंदू धर्म में काल भैरव को भगवान रुद्र यानि भगवान शंकर का रूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय अवश्य सिद्ध होते हैं। इस बार ये दिन कल यानि 25 जून को मनाया जा रहा है। कहते हैं कि जो कोई व्यक्ति काल भैरव के बटुक भैरव, महाकाल भैरव तथा स्वर्णाकर्षण भैरव की पूजा करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। लेकिन फिर भी भैरव के सभी रूपों में बटुक भैरव की उपासना अधिक प्रचलित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कुत्ते को भी भरपेट भोजन कराना चाहिए उसे दुत्कारना नहीं चाहिए। इस दिन भैरवनाथ को चने-चिरौंजी, पेड़े, काली उड़द और उड़द से बने मिष्‍ठान्न इमरती, दही बड़े, दूध और मेवा का भोग लगाना लाभकारी है इससे भैरव प्रसन्न होते है।
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भैरव शब्द के तीन अक्षरों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्ति समाहित है। भैरव शिव के गण और पार्वती के अनुचर माने जाते हैं। काल भैरवाष्टमी के दिन मंदिर जाकर भैरव के दर्शन करने से पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। उनकी प्रिय वस्तुओं में काले तिल, उड़द, नींबू, नारियल, अकौआ के पुष्प, कड़वा तेल, सुगंधित धूप, पुए, मदिरा, कड़वे तेल से बने पकवान दान किए जा सकते हैं। उन्हें जलेबी एवं तले पापड़ या उड़द के पकौड़े का भोग लगाने से जीवन के हर संकट दूर होकर मनुष्य का सुखमय जीवन व्यतीत होता है। आगे हम आपको उनकी पूजा में बोले जाने वाले मंत्रों के बारे में बताएंगे। 
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मंत्रः
'ॐ कालभैरवाय नम:।'

'ॐ भयहरणं च भैरव:।'

'ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्‍।'

'ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं।'

'ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:।'
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कहते हैं कि इन मंत्रों का उचारण शुद्धता से करना चाहिए। इस दिन भैरवजी के वाहन श्वान को गुड़ खिलाने का विशेष महत्व है। खासतौर पर इस दिन भैरव के मंत्रों का प्रयोग कर व्यापार-व्यवसाय, शत्रु पक्ष से आने वाली परेशानियां, विघ्न, बाधाएं, कोर्ट कचहरी तथा निराशा आदि से मुक्ति पाई जा सकती है।


 


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