क्या आपने देखा है दुनिया का सबसे डरावना नर्क मंदिर ?

punjabkesari.in Saturday, Apr 20, 2019 - 06:21 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
मंदिर, ये एक ऐसी जगह मानी जाती हैं जहां हिंदू धर्म के देवी-देवता साक्षात निवास करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां श्रद्धालु देवी-देवता नहीं बल्कि नर्क के दर्शन के लिए आते हैं। जी हां, आपकी जानकर ज़रूर हैरानी हो रही होगी लेकिन ये सच है। ये मंदिर दक्षिण-पूर्वी एशिया के देश थाईलैंड के शहर चियांग माइ में है जहां नर्क के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। आपको बता दें कि यहां भक्त किसी देवता की पूजा नहीं करते बल्कि मृत्यु के बाद आत्मा द्वारा पापों के लिए मिलने वाली सजाओं को देखने आते हैं। मंदिर में कई मूर्तियां हैं,जो पाप के बदले नर्क में दी जाने वाली पीड़ाओं को दर्शाती हैं।
PunjabKesari, Narak Temple in Thailand, Chiang Mai
नर्क मंदिर
नर्क मंदिर सनातन धर्म और बौद्ध धर्म से प्रेरित है। इसकी सभ्यता और संस्कृति पर भी काफी हद तक भारतीय प्रभाव देखा जा सकता है। बता दें कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से लगभग 700 किलोमीटर दूर चियांग माइ शहर में करीबन 300 मंदिर हैं परंतु यह नर्क मंदिर अपने आप में न केवल अनूठा है बल्कि पूरी दुनिया का इकलौता मंदिर है जहां किसी देवी-देवता की पूजा नहीं होती।
PunjabKesari, Narak Temple in Thailand, Chiang Mai
इसलिए हुआ इस मंदिर का निर्माण-
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर को बनाने का मूल विचार एक बौद्ध भिक्षु प्रा क्रू विशानजालिकॉन का था। इस मंदिर के द्वारा लोगों को बताना चाहते थे कि पाप करने और पीड़ा पहुंचाने का परिणाम अंत में दुःखदायी होता है। इसी बात से प्रेरित होकर उन्होंने नर्क की परिकल्पना करते हुए एक ऐसा मंदिर बनवाया जहां लोग मृत्यु के बाद आत्मा द्वारा भोगे जाने वाले कष्टों को देख सकें।

यहां लगी हुई हैं भयानक मूर्तियां सिर्फ नाम से नहीं,बल्कि देखने में भी यह मंदिर नर्क की तरह दिखाई देता है। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां देवी-देवताओं की मूर्तियां नहीं है वरन मृत्यु के बाद नर्क में किस तरह की यातनाएं दी जाती हैं, उसका प्रदर्शन करने वाली मूर्तियां है। बता दें कि यहां की हर मूर्ति नर्क की पीड़ा और कष्टों का संकेत देती हैं।
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अपने पापों के पश्चाताप के लिए आते हैं श्रद्धालु
कहा जाता है इस मंदिर में अपने पापों का प्रायश्चित और पश्चाताप करने के लिए आते हैं। इस मंदिर को 'वैट मे कैट नोई' टेम्पल भी कहा जाता है।


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Jyoti

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