आखिर क्यों हुआ भगवान राम और उनके पुत्रों के बीच युद्ध

punjabkesari.in Tuesday, Mar 12, 2019 - 02:21 PM (IST)

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हिंदू धर्म में वैसे तो बहुत से ऐसे ग्रंथ हैं जिनसे हमें बहुत कुछ जानने को मिलता है। उन्हीं ग्रंथों में से एक है रामायण। यह एक ऐसा ग्रंथ है जिसे पढ़ने या सुनने से व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है। इस ग्रंथ से जुड़ा चाहे कोई भी प्रसंग हो जब कभी भी सुनने को मिले तो मन को एक अलग ही सुख का आभास होता है। आज हम इसी से जुड़े एक ऐसे प्रसंग के बारे में बताएंगे जिसमें ये बताया गया है कि कैसे वीर हनुमान ने भगवान राम और उनके पुत्रों के बीच होने वाले युद्ध को रोका था। 
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रावण का वध करने के बाद भगवान राम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौट आए। लेकिन वापस आने से पहले भगवान राम ने माता सीता की अग्नि परीक्षा ली और वे उसमें पास भी हुई। अयोध्या लौटने पर भगवान ने वहां का शासन संभाला, लेकिन कुछ परिस्थितियों की वजह से माता सीता को राम जी से दूर होना पड़ा।  
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राम जी से दूर होने के बहुत सालों बाद भगवान राम ने अपना एक घोड़ा छोड़ा जोकि दुनिया पर जीत का प्रतीक था। कहते हैं कि इस अश्व को रोकने का साहस किसी में भी नहीं था। राम जी का घोड़ा आधी दुनिया को पार कर चुका था। लेकिन लव और कुश जोकि भगवान राम व माता सीता की संतान थी, उन्होंने उस अश्व को रोका और उसे बंधी बनाया। इस बात से भगवान राम अंजान थे, लेकिन जब उन्हें इस बात का पता चला तो उन्होंने अश्व को छोड़ने के लिए अपनी सेना को भेजा। लेकिन लव और कुश ने सबको हरा दिया और हनुमान जी को बंदी बना लिया।  
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अब अश्व को छोड़ने के लिए भगवान राम खुद लव और कुश से युद्ध करने के लिए आए। इस युद्ध की आशंका से सृष्टि के सारे देवता चिंतित हो गए। भगवान राम और उनके बेटों के बीच युद्ध को रोकने के लिए हनुमान जी माता सीता के पास गए और उनसे युद्ध को रोकने की विनती की। हनुमान जी की बातें सुनकर माता सीता ने एक बाण को छोड़ा, जोकि रामबाण था।
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