क्या फिर PM नरेन्द्र मोदी को लोकसभा पहुंचाएगी वाराणसी?

punjabkesari.in Tuesday, Mar 12, 2019 - 11:11 AM (IST)

वाराणसी: लोकसभा चुनावों का कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। हालांकि, इससे पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हजारों-करोड़ रुपये के शिलान्यास कार्यों के जरिए चुनावी वादों की गंगा बहा चुके हैं। इस सबके बीच मोदी का एक बार फिर वाराणसी सीट से चुनाव लड़ना भी तय है। पिछली बार मोदी ने वाराणसी के अलावा गुजरात में गांधीनगर से भी चुनाव लड़ा था और दोनों सीटों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी। इस बार उनके ओडिशा की पुरी सीट से भी चुनावी मैदान में उतरने के कयास लगाए जा रहे हैं। वैसे वाराणसी सीट की बात करें तो यहां बीजेपी के अलावा किसी भी दूसरी पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। बीजेपी यहां पिछली बार की तरह इस बार भी ब्राह्मण, कुर्मी, वैश्य और भूमिहरों के भरोसे फिर चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश करेगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाराणसी सीट एक बार फिर मोदी को लोकसभा तक पहुंचाने में कामयाब रहेगी।

PunjabKesariयहां से बीजेपी ने सिर्फ एक बार गंवाई यह सीट
बीजेपी ने यहां 1991 से 2014 तक हुए 7 में से 6 लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की है। सिर्फ एक बार 2004 में कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा 3 बार के सांसद शंकर प्रसाद जायसवाल को पराजित करने में सफल रहे थे। हालांकि, 2009 में भी बीजेपी यहां से बमुश्किल ही जीती थी। तब कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली उम्मीदवार मुख्तार अंसारी पर मात्र 17,211 मतों से जीत हासिल कर पाए थे। हालांकि पिछली बार मोदी लहर में बीजेपी ने इस सीट पर आम आदमी पार्टी के निकटतम प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल को 3,71,784 मतों के अंतर से हराया था।

PunjabKesari2011 की जनगणना के हिसाब से वाराणसी की 36,82,894 की आबादी में 84.52 प्रतिशत हिंदू और 14.88 प्रतिशत मुस्लिम हैं। वाराणसी की आबादी लाइबेरिया या अमरीकी राज्य ओकलाहोमा के बराबर है, जिसके चलते यह आबादी के मामले में देश का 75वां शहर है। प्रति वर्ग किलोमीटर घनत्व 2399 है, यहां प्रति 1000 पुरुषों पर 909 महिलाएं हैं और साक्षरता प्रतिशत 77.05 है। वाराणसी लोकसभा 5 विधानसभा क्षेत्रों रोहानिया, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैन्ट और सेवापुरी विधानसभा से मिलकर बनी है। इनमें से 3 शहरी और 2 ग्रामीण क्षेत्रों की सीटें हैं। ये सभी पांचों विधानसभा सीटें इस समय भारतीय जनता पार्टी के पास हैं।

PunjabKesariविकास बनाम राष्ट्रवाद है चुनावी मुद्दा
बीजेपी के विधायक, कार्यकर्ता और जमीनी नेता जहां वाराणसी में राष्ट्रवाद के नाम पर वोट मांगेंगे, वहीं कांग्रेस मोदी के विकास के नारे को मुद्दा बनाए हुए है। इसके अलावा बीजेपी जहां गांधी परिवार खासतौर पर रॉबर्ट वाड्रा पर निशाना साध रही है, वहीं कांग्रेस गंगा सफाई और वाराणसी को क्योटो बनाने के मोदी के 2014 के चुनावी वादे की याद दिला रही है।

PunjabKesariऐसा है इस सीट का जातिगत समीकरण
वाराणसी सीट पर 16 लाख के करीब मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। ये मतदाता कुल 8 विधानसभाओं से आते हैं। इनमें सबसे ज्यादा 3 लाख के करीब मुस्लिम मतदाता हैं। 2.5 लाख ब्राह्मण, 2 लाख वैश्य, 1.5 लाख कुर्मी पटेल, 1.5 लाख यादव, 1.5 लाख भूमिहार, 65 हजार कायस्थ, 80 हजार दलित और इतने ही चौरसिया समाज के मतदाता शामिल हैं। पिछली बार की तरह इस बार भी बीजेपी को ब्राह्मण, कुर्मी, वैश्य और भूमिहरों के एकतरफा मत मिलने की संभावना है। तीन तलाक के मसले पर कुछ हद तक मुस्लिम महिलाओं के वोट भी बीजेपी को जा सकते हैं। वैसे यहां के मुस्लिम मत गैर-भाजपा दलों को, यादव वोट समाजवादी पार्टी को, चौरसिया और दलित वोट बहुजन समाज पार्टी को और कायस्थ वोट कांग्रेस व अन्य दलों के बीच बंट सकते हैं। ऐसे में अपने परंपरागत मतदाताओं के सहारे मोदी यहां से फिर बड़े अंतर से जीत दर्ज कर सकते हैं।

PunjabKesariपिछले 7 चुनावों में ऐसा रहा परिणाम:-

वर्ष विजेता उम्मीदवार प्रतिद्वंद्वी हार-जीत अंतर
1991 शिरीष चंद्र दरक्षित (बीजेपी) राजकिशोर (सीपीआईएम) 40,439
1996 शंकर प्रसाद जायसवाल (बीजेपी) राजकिशोर (सीपीआईएम) 1,00,692
1998 शंकर प्रसाद जायसवाल (बीजेपी) दीनानाथ सिंह यादव(सीपीआईएम) 1,51,946
1999 शंकर प्रसाद जायसवाल (बीजेपी) राजेश कुमार मिश्रा (कांग्रेस) 52,859
2004 राजेश कुमार मिश्रा (कांग्रेस) शंकर प्रसाद जायसवाल (बीजेपी) 57,436
2009 मुरली मनोहर जोशी (बीजेपी) मुख्तार अंसारी (बसपा) 17,211
2014 नरेन्द्र मोदी (बीजेपी) अरविंद केजरीवाल (आप) 3,71,784

 


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Deepika Rajput

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