पैदल चलने वालों के लिए नहीं है सुरक्षित Delhi, हादसों में मरने वाले राहगीरों की संख्या 18 फीसदी बढ़ी

punjabkesari.in Thursday, Nov 24, 2022 - 01:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली की सड़कों पर सबसे ज्यादा हादसों में जान गंवाने वाले पैदल राहगीर होते हैं। वर्ष 2022 में दिल्ली की सड़कों पर हादसों में मरने वाले राहगीरों की संख्या 2021 के मुकाबले 18 फीसदी बढ़ गई है। इसमें काफी लोग ऐसे थे जो सुबह के समय सैर करने के लिए निकले थे। हादसों का सबसे ज्यादा शिकार राहगीर होते हैं। इसके बाद दुपहिया सवार। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में सड़क हादसों में 504 राहगीरों की मौत हुई थी, वहीं 2022 में 31 अक्टूबर तक हादसों में 489 राहगीरों की मौत हो चुकी है। वर्ष 2021 में जहां प्रत्येक महीने औसतन 42 राहगीर हादसों में जान गंवा रहे थे, वहीं वर्ष 2022 में 49 राहगीर प्रत्येक महीने में अपनी जान सड़क पर गंवा रहे हैं।

दिल्ली में शनिवार को सड़क हादसों की संख्या अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा होती हैं। पिछले दिनों ही दिल्ली परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। परिवहन विभाग के मुताबिक राजधानी में शुक्रवार, शनिवार और रविवार की रात ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। हालांकि इसमें साल 2020 में कमी देखने को मिली थी, क्योंकि उस समय देश में लॉकडाउन लगा हुआ था और कोरोना को लेकर कई तरह के बंदिशें थीं। 

इन तीन दिनों के मुकाबले सबसे ज्यादा सड़क हादसे शनिवार को होते हैं। साल 2021 में दिल्ली में 1100 से ज्यादा लोगों की जान सड़क हादसों में गई है। इसमें सोमवार को 158, मंगलवार को 149, बुधवार को 167, गुरुवार को 145, शुक्रवार को 175, शनिवार को 190 और रविवार को 166 लोगों की मौत हुई है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 2020 के मुकाबले 2021 में सड़क हादसे में तेजी आई है। राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा रात 10 बजे से लेकर 12 बजे के बीच होते हैं। रात 8 बजे से 10 बजे की बीच भी सड़क हादसे ज्यादा होते हैं। सप्ताहांत होने के कारण लोग छुट्टियां मनाने इधर-उधर जाते हैं और इस दौरान शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं।

गौरतलब है कि शुक्रवार, शनिवार औऱ रविवार को सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण नशे में गाड़ी चलाना है। बीते कुछ सालों में दिल्ली में शराब का चलन पहले की तुलना में तेजी से बढ़ा है। इस समय देश में शराब पीकर गाड़ी चलाने का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। नया मोटर व्हीकल्स एक्ट आने के बाद भी लोग शराब पीकर गाड़ी चलाना बंद नहीं किए हैं। जिसके चलते कई हादसों में राहगीर भी शिकार हो जाते हैं। सेव लाइफ फाउंडेशन के सीईओ पीयूष तिवारी ने बताया कि दिल्ली में पैदल लोगों को ध्यान में रखकर सड़कें नहीं बनाई गई हैं। केवल चौराहों पर ही सड़क पार करने की व्यवस्था होती है, इसी तरह फुट ओवर ब्रिज बनाते समय लोगों की जरूरतों का ध्यान नहीं रखा जाता।
 


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Content Writer

Anil dev

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