जुलाई में स्कूल खोलने की संभावनाओं पर गौर कर रहा है निदेशालय, हर जोन में DDE प्रिंसिपल-एचओएस से कर रहे बैठकें

punjabkesari.in Thursday, May 21, 2020 - 10:37 PM (IST)

नई दिल्ली/ डेस्क। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों को जुलाई में किस तरह खोला जाए इन संभावनाओं पर शिक्षा विभाग गौर कर रहा है। इसी के मद्देनजर दिल्ली के विभिन्न जोनों में जिला उप शिक्षा निदेशक स्कूलों के प्रिंसिपलों-एचओएस के साथ बैठकें आयोजित कर रहे हैं। ताकि स्कूल खोलने की संभावनाओं पर काम किया जा सके।
 

अगर जुलाई में स्कूल खुलते हैं तो इन बैठकों से निदेशालय के पास पहले से बेहतर रणनीति भी होगी। जिससे स्कूल खोले जाने के बाद बिना किसी परेशानी के स्कूलों को संचालित किया जा सकेगा। 


प्रिंसिपलों से पूछा जा सकता है स्कूल खोलने का प्लान 
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल विभिन्न जोनों के अंतर्गत आने वाले स्कूलों के प्रिंसिपलों और एचओएस के साथ संबंधित जिले के जिला उप शिक्षा निदेशकों के साथ बैठकें आयोजित की जा रहीं हैं। अभी हाल की बात करें तो जोन 15-16 व जोन 5-6 में ये बैठकें सम्पन्न हुई हैं। इसी तरह और भी जोन में ये बैठकें आयोजित होंगी। जिसमें हर प्रिंसिपल/एचओएस से उनका प्लान पूछा जा सकता है कि कोरोना महामारी के कारण बनी परिस्थितियों में अगर निदेशालय जुलाई में स्कूल खोलना चाहे तो किस तरह स्कूल को खोला जा सकता है।


प्रिंसिपलों से यह भी पूछा जा सकता है कि आपके स्कूल में जो इंफ्रास्ट्रक्चर है उसके हिसाब से आप कितने बच्चों को बुला सकते हैं। ताकि बच्चों के स्कूल में आने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। क्योंकि डीडीई की इन बैठकों में सोशल डिस्टेंसिंग ही बड़ा मुद्दा है। अगर किसी प्रिंसिपल ने कहा कि मेरा स्कूल काफी जनसंख्या घनत्व वाले इलाके में है जहां भीड़भाड़ खूब होती है। चाह कर भी वहां सोशल डिस्टेंसिंग नहीं बनाए रखी जा सकेगी। तो उस स्कूल को बंद ही रखा जाएगा। 


स्कूल खोलने पर सोशल डिस्टेंस का करना होगा पालन 
अधिकारी ने कहा कि कई स्कूल हैं जिनमें 1500 से 'यादा छात्र हैं। उन स्कूलों की कक्षाओं में एक कमरे में 20 बच्चों सोशल डिस्टेंस से बिठाकर अगर सिर्फ 500 बच्चे ही बुलाए जा सकते हैं तो उसपर भी विचार किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में हो सकता है छोटी कक्षाओं की छुट्टी करनी पड़े या स्कूल को दो शिफ्ट में बांटकर चलाना पड़े तो उस पर भी गौर किया जाएगा। ताकि आधे बच्चों को पहले और उनके जाने के बाद दूसरे बच्चों को बुलाया जाए।


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Edited By

Murari Sharan

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