दिल्ली-एनसीआर को मिलेगी प्रदूषण से राहत! 5 अक्टूबर से शुरू होगा केजरीवाल सरकार का महाअभियान
punjabkesari.in Friday, Oct 02, 2020 - 08:08 AM (IST)
नई दिल्ली/ दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण पैदा करने वाली सभी गतिविधियों के खिलाफ दिल्ली सरकार 5 अक्टूबर से महा अभियान शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर्यावरण विभाग, विकास विभाग, पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनडीएमसी, परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, डीडीए, डीएसआईडीसी और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद इस अभियान की शुरुआत करेंगे।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि पिछली बार हमने 25% प्रदूषण कम किया था और इस बार उससे ज्यादा प्रदूषण को कम करने में सफल होंगे। उन्होंने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने दिल्ली पंजाब, हरियाणा और यूपी के मंत्रियों के साथ संयुक्त बैठक हुई थी, जिसमें उन्होंने पराली के समाधान, दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में चल रहे पावर प्लांट और पुरानी तकनीक से चल रहे ईट भट्टों पर संबंधित राज्य सरकारों से कार्रवाई की अपील की है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में विभिन्न एजेंसियों के साथ पौधारोपण का अभियान चल रहा है और दिल्ली के अंदर दो करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जाड़े के समय में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। जब हवा के अंदर ठंड और नमी बढ़ती है उस समय पीएम10 और पीएम 2.5 का घेरा दिल्ली के ऊपर बढ़ जाता है।
इसके दो मुख्य कारण हैं पहला कारण दिल्ली के अंदर जो धूल प्रदूषण, बायोमास बर्निंग, वाहनों के माध्यम से अलग-अलग तरह के कण उत्सर्जित होते हैं वह दिल्ली की हवा में घूमते हैं और हवा बंधी होने के कारण वह बाहर नहीं जा पाते और नीचे आकर फेफड़े के जरिए हमारी सांसों को प्रभावित करते हैं।
गोपाल राय ने कहा दिल्ली के अंदर जो थर्मल पावर थे हमने उसे बंद कर दिया है, लेकिन अभी भी दिल्ली एनसीआर के 300 किलोमीटर के क्षेत्र में 11 थर्मल पावर पुरानी तकनीक के आधार पर चल रहे हैं। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पुरानी तकनीक से ईट भट्टे भी चल रहे हैं, जिसमें यूपी के अंदर 1640 ईट बट्टे हैं, हरियाणा में 161 है, राजस्थान में 164 दिल्ली एनसीआर के अंदर चल रहे हैं। जो दिल्ली के वातावरण को प्रभावित करते हैं।
मंत्री ने कहा कि दिल्ली के अंदर पराली की समस्या के लिए हमने निर्णय लेते हुए उस पर एक्शन प्लान बनाया है। उसके लिए दिल्ली सरकार की तरफ से एक फॉर्म तैयार किया है। इसमें हम किसान का नाम, पिता का नाम, पता, संबंधित गांव और जिला की जानकारी ले रहे हैं। गैर बासमती चावल का क्षेत्र में घोल का छिड़काव करना है। उसका क्षेत्र कितना है और जिस दिन काम करना चाहते हैं वह तारीख ले रहे हैं।