अब दिल्ली में चलेगी ट्राम

punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2015 - 10:12 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने लाल किला, जामा मस्जिद, दिगंबर जैन मंदिर, शीशगंज गुरुद्वारा, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जैसे पुरानी दिल्ली के अनेक स्थानों को जोड़ने के लिए ट्राम चलाने का फैसला किया है। शाहजहांनाबाद रीडेवलपमेंट कॉरपोरेशन के जरिये इस क्षेत्र में अनेक विकास कार्य करवाए जाएंगे।


इस संबंध में दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार सुबह चांदनी चौक की विधायक अल्का लांबा, दिल्ली सरकार के शहरी विकास सचिव चेतन वी. सांघी और कुछ अन्य अधिकारियों के साथ जामा मस्जिद, चांदनी चौक, शीशगंज गुरुद्वारा, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, फतेहपुरी मस्जिद इत्यादि स्थानों का दौरा किया।


दिल्ली सरकार के मुताबिक शाहजहांनाबाद रीडेवलपमेंट कॉरपोरेशन को एनडीएमसी और डेल्ही कैंट की तरह एक अलग बॉडी बना दिया जाएगा। इसके अलावा सरकार की योजना शाहजहांनाबाद रीडेवलपमेंट कॉरपोरेशन को एनफोर्समेंट पावर देने की भी है। इस बारे में मनीष सिसोदिया ने कहा कि शाहजहांनाबाद रीडेवलपमेंट कॉरपोरेशन के पास अपनी योजनाएं लागू करने के लिए पर्याप्त शक्तियां होना भी जरूरी है। इसलिए सरकार कॉरपोरेशन को एनफोर्समेंट पावर देगी।


उन्होंने कहा कि इस कॉरपोरेशन के गठन के बाद अब तक कोई काम नहीं हुआ है. कॉरपोरेशन में केवल प्लानिंग पर प्लानिंग की गई है और अधिकारियों को वेतन दिया गया है। मनीष सिसोदिया ने ये भी कहा कि शाहजहांनाबाद क्षेत्र की अपनी एक संस्कृति है। यहां लाल किला, जामा मस्जिद, दिगंबर जैन मंदिर, शीशगंज गुरुद्वारा, टाउनहाल जैसी ऐतिहासिक धरोहर हैं. यहां गालिब हैं. अनेक पुरानी हवेलियां हैं। इस पूरे क्षेत्र में तमाम तरह की संस्कृतियां पनपी हैं। इन संस्कृतियों को कैसे उभारा जाए, ये एक चुनौतीपूर्ण काम है. पर सरकार इस चुनौती को स्वीकार कर चुकी है।


उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले दिनों शाहजहांनाबाद रिडेवलपमेंट कॉरपोरेशन की एक बैठक हुई थी। इस बैठक में पता चला कि अब तक की सारी योजनाएं केवल बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने तक सीमित हैं। जबकि यहां गंदगी के ढेर हैं. बहुत भीड़भाड़ है. घंटों तक ट्रैफिक जाम की समस्या से लोग जूझते हैं। इन समस्याओं का सबसे पहले समाधान खोजने की जरूरत है। सिसोदिया ने कहा कि हमें न केवल यहां बुनियादी सुविधाएं विकसित करना है बल्कि यहां की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजना है ताकि देश और दुनिया से आने वाले लोग यहां की समृद्ध संस्कृति से रूबरू हो सकें।

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