यंग इंडिया के दौर में बूढ़ा हो रहा हिंदुस्तान

Sunday, May 01, 2016 - 09:33 PM (IST)

नई दिल्ली : युवाओं के देश भारत (यंग इंडिया) में सफेद बालों वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां सफेद बाल वाले कोई रोगी नहीं हैं बल्कि बुजुर्गों की संख्या की बात हो रही है। राज्यवार बुजुर्गों में पांच राज्यों केरल, गोवा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु देश में बुजुर्गों के अनुपात के मामले में बाकी राज्यों से काफी आगे हैं। देश में बुजुर्गों की कुल प्रतिशतता के हिसाब से केरल 12.6 प्रतिशत, गोवा 11.2, तमिलनाडु 10.4, पंजाब 10.4 और हिमाचल प्रदेश में 10.2 प्रतिशत बुजुर्ग रहते हैं। सबसे कम बुजुर्गों की प्रतिशतता दादर हवेली में 4 प्रतिशत है।
 
गांवों से शहर आ रहे बुजुर्ग
एक सर्वे के मुताबिक 50 वर्ष से अधिक की आयु वाले 20 लोगों में 17 लोग गांवों में रहना पसंद करते थे। अब यह संख्या 14 पर पहुंच गई यानि बुजुर्ग शहरों का रुख कर रहे हैं। वैसे भी शहरों में एकल परिवारों की संख्या अधिक है इसलिए अगर पति-पत्नी नौकरीपेशा हों तो परिवार से कोई सदस्य तो बच्चों की देखभाल करने के लिए घर में रहना जरूरी होता है। 1981 के बाद शहरों के बुजुर्गों की संख्या तीन गुना तक बढ़ी है। मतलब गांवों से बुजुर्ग शहर आकर रहने लगे।
एक आंकड़े के मुताबिक 2011 में शहरी बुजुर्ग आबादी जहां 30.6 मिलियन थी वहीं 2001 में यह आंकड़ा 19.2 मिलियन था। इसी प्रकार गांवों में 2011 में बुजुर्ग संया 73.3 मिलियन थी जोकि 2001 में यह संख्या 57.4 मिलियन थी। 
 
बुजुर्गों की संख्या बढऩे की स्पीड भी तेज
देश में बुजुर्गों की संख्या बढऩे की स्पीड भी काफी तेज है। 1961 से 1971 तक आम आदमी की वृद्धि दर 24.8 प्रतिशत थी लेकिन बुजुर्गों की वृद्धि दर 33.7 प्रतिशत थी यानि करीब 9 प्रतिशत अधिक। इसी प्रकार 2001 से 2011 तक आम आदमी (औसतन उम्र) की संख्या जहां 17.7 प्रतिशत से बढ़ी वहीं बुजुर्ग 35.5 प्रतिशत की दर से बढ़े। यानि औसतन उम्रवालों से डबल वृद्धि की दर से।
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