इस महिला की बॉडी देख आप भी रह जाएंगे दग(देखें तस्वीरें)

punjabkesari.in Sunday, Mar 20, 2016 - 12:02 AM (IST)

जयपुर: बॉडी बिल्डिंग और फिटनेस के मामले में पुरुष हमेश महिलाओं से एक कदम आगे रहे है। लेकिन इस क्षेत्र में महिलाएं भी किसी से कम नहीं है। वह भी अपनी बॉडी को अच्छा बनना के लिए जिम में पसीना बहाती है। यह साबित किया है पिंक सीटी (जयपुर) की रहने वाली देश की पहली महिला बॉडी-बिल्डर श्वेता ने। श्वेता ने बताया कि स्कूल में सब मुझे मोटी-मोटी कहकर बुलाते थे। लेकिन मैं मोटी नहीं थीं बस मेरा ढंग थोड़ा अलग था। 

मैंने 11वीं कक्षा से वर्कआउट करना शुरू किया। मेरे माता-पिता को मेरा जिम जाना मंज़ूर नहीं था। लेकिन मैं ट्यूशन के समय जिम में वर्क आउट करती थी। मुझे इसमें इतना मजा आता था कि जब बाकी लोग 100 क्रंचेज करके रुक जाते थे, मैं हजार करके भी थकती नहीं थी। धीरे-धीरे बॉडी बिल्डिंग में आ गई। मैं इस मिथ को तोडऩा चाहती थी कि लड़कियां मसल्स बनाने पर खूबसूरत नहीं लगतीं। मेरी खूब मेहनत से मेरे माता-पिता व भाई मेरा साथ देने लगे।
 
श्वेता ने बताया कि मैंने वेट लिफ्टिंग और मार्शल आट्र्स ट्रेंड में मुंबई में आयोजित ‘मिस इंडिया स्पोट्र्स फिजिक’ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले 2014 में मिस वल्र्ड फिटनेस फिजिक का खिताब जीता। उसके बाद 2015 के एशियाई चैम्पियनशिप में देश के लिए पहला सिल्वर मेडल जीता।
 
श्वेता ने आगे बताया कि उन्हें मालूम था एजुकेशनल क्वालिफिकेशन बेहद जरूरी है इसलिए पहले इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन में इंजीनयिरिंग की डिग्री हासिल की व 8 साल एक कंपनी में बतौर वाइस मार्केटिंग हेड काम किया। वो कहती हैं, कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है। गर्मियों की छुट्टियों में जब सब दोस्त और परिवार के लोग घूमने जाते थे, मैं बस जिम में वर्कआउट करती थी। 
 
ऑफिस के बाद शाम को 1 घंटा जिम जाती। जॉब छोड़कर पूरा समय वर्कआउट को देना शुरू किया। श्वेता ने बताया कि वह मुंबई में एक एन.जी.ओ. भी चलाती हैं, जहां उनके जैसे सपना रखने वालों को पढ़ाया जाता है। वह कहती है कि भारत में टैलेंट हैं, लेकिन सही राह नहीं, यहां महिलाएं अपने परिवार की देख-रेख में अपने स्वास्थ्य को भूल जाती हैं। 

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