UP Cabinet Expansion: योगी कैबिनेट में होगा बड़ा फेरबदल, 54 से बढ़कर 60 होगी मंत्रिमंडल की नई लिस्ट, ये दिग्गज और नए नेता रेस में
punjabkesari.in Wednesday, Dec 31, 2025 - 01:03 PM (IST)
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश की सियासत में नए साल के साथ ही बड़े बदलाव की आहट सुनाई देने लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में विस्तार की सुगबुगाहट अब तेज हो गई है। 30 दिसंबर को हुई बीजेपी कोर ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक के बाद यह माना जा रहा है कि 'खरवास' खत्म होते ही यूपी सरकार का नया स्वरूप सामने आएगा। 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह फेरबदल सत्ता और संगठन के समीकरणों को साधने की एक बड़ी कवायद है।
इस संभावित विस्तार से जुड़ी बड़ी बातें यहां दी गई हैं:
1. 60 की संख्या और नए चेहरों की एंट्री
वर्तमान में योगी सरकार में 54 मंत्री शामिल हैं। नियमों के मुताबिक, कैबिनेट में अधिकतम 60 मंत्री हो सकते हैं, जिसका मतलब है कि अभी 6 रिक्त पद मौजूद हैं। चर्चा है कि इन खाली पदों को भरने के साथ-साथ कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी भी की जा सकती है, जिन्हें संगठन में नई जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके अलावा, आधे दर्जन से ज्यादा मंत्रियों के विभागों में बड़े बदलाव की तैयारी है।
2. किन नामों पर टिकी हैं निगाहें?
मंत्रिमंडल की इस नई लिस्ट में कई दिग्गजों और नए चेहरों के नाम रेस में हैं:-
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अशोक कटारिया: पश्चिम यूपी के प्रभावशाली गुर्जर नेता और संगठन के पुराने सिपाही। अस्वस्थता के कारण पहले मौका नहीं मिल पाया था, लेकिन अब उनकी वापसी तय मानी जा रही है।
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भूपेंद्र चौधरी: इनका कद और प्रभाव बढ़ाया जा सकता है।
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गोविंद नारायण शुक्ला: बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और एमएलसी को भी मंत्री पद की जिम्मेदारी मिल सकती है।
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साध्वी निरंजन ज्योति: निषाद समुदाय का बड़ा चेहरा और भगवा ब्रांड की पहचान। उन्हें एक मजबूत पोर्टफोलियो मिलने की उम्मीद है।
3. बागियों और सहयोगियों का समायोजन
सियासी गलियारों में चर्चा है कि समाजवादी पार्टी छोड़कर आए मनोज पांडेय (ब्राह्मण चेहरा) और पूजा पाल को उनके पाला बदलने का इनाम मिल सकता है। साथ ही, सिख समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले बलदेव औलख का प्रमोशन कर उन्हें कैबिनेट रैंक दी जा सकती है। सहयोगी दल RLD और अपना दल को भी एक-एक राज्य मंत्री पद अतिरिक्त देकर संतुष्ट करने की योजना है।
4. सरकार और संगठन में तालमेल
बीजेपी सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि संगठन की टीम में भी बड़े बदलाव करने जा रही है। सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन की नई टीम के गठन में करीब एक महीने का फासला रखा जाएगा। मकसद साफ है—क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन बनाकर 2027 की चुनावी पिच तैयार करना।
