भूख हड़ताल पर बैठे मलिक को ड्रिप के जरिए तरल पदार्थ दिए जा रहे, डाक्टर रख रहे हैं उसपर नजर

punjabkesari.in Tuesday, Jul 26, 2022 - 05:41 PM (IST)

नयी दिल्ली : दिल्ली की तिहाड़ जेल में पिछले पांच दिन से भूख हड़ताल पर बैठे कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को ड्रिप (नलियों) के जरिए तरल पदार्थ दिए जा रहे हैं और चिकित्सक उसके स्वास्थ्य पर नियमित रूप से नजर रख रहे हैं।

मलिक ने रुबैया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में जम्मू की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का अनुरोध किया था, लेकिन केंद्र सरकार से इस पर कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने शुक्रवार को भूख हड़ताल शुरू कर दी। वह इस मामले में आरोपी है।

प्रतिबंधित जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मलिक को तिहाड़ जेल संख्या सात की एक कोठरी में अकेले रखा गया था। अब उसे जेल के चिकित्सकीय जांच कक्षा में स्थानांतरित किया गया है, जहां चिकित्सक उसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रहे हैं और अधिकारियों को इस बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। मलिक आतंकवाद के वित्त पोषण के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।

एक अधिकारी ने कहा, "शुक्रवार सुबह से मलिक कुछ भी नहीं खा रहा। वह अब भी भूख हड़ताल पर है और चिकित्सक उसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रहे हैं। उसे रविवार से ड्रिप के जरिए तरल पदार्थ दिए जा रहे हैं।"

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश के सामने पेश होकर मलिक ने कहा था कि वह रुबैया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में जम्मू की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होना चाहता है। आठ दिसंबर, 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद का अपहरण कर लिया गया था।

मलिक ने अदालत से कहा था कि उसने सरकार को पत्र लिखकर उसे जम्मू जेल में भेजने की मांग की है ताकि वह इस मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश हो पाए एवं अपने विरूद्ध लगे आरोपों का प्रतिवाद कर पाएं।

मलिक ने कहा था कि 22 जुलाई तक अगर सरकार ने इस संबंध में अनुमति नहीं दी, तो वह भूख हड़ताल शुरू करेगा।

रुबैया सईद का आठ दिसंबर, 1989 को कथित तौर पर जेकेएलएफ के आतंकवादियों द्वारा अपहरण किया गया था। रुबैया को पांच दिन बाद 13 दिसंबर को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया गया, लेकिन इसके बदले भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित तत्कालीन वी पी सिंह सरकार को जेकेएलएफ के पांच आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा 2017 में दर्ज आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में मलिक को 2019 की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए की विशेष अदालत ने गत मई में उसे सजा सुनाई थी।
 


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Content Writer

Monika Jamwal

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