मूर्ति विसर्जन से जहरीला हो रहा यमुना का पानी, फिल्मों की मदद से लोगों को करें जागरुक: NGT

punjabkesari.in Tuesday, Feb 05, 2019 - 04:32 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा नियुक्त एक समिति ने सुझाव दिया है कि मूर्ति विसर्जन के कारण यमुना नदी का जल ‘बेहद जहरीला होने’ के संदेश को प्रसारित करने के लिए फिल्म एवं टीवी कलाकारों की मदद ली जानी चाहिए। पैनल ने यह भी कहा कि इन हस्तियों को ये संदेश प्रचारित करना चाहिए कि बिना पेंट वाली केवल चिकनी मिट्टी से बनी मूर्तियों का प्रयोग किया जाना चाहिए। समिति ने दिल्ली के अधिकारियों को दिए गए अपने निर्देशों में कहा कि टीवी एवं रेडियो चैनलों के जरिए एक जागरुकता कार्यक्रम की नियोजित तरीके से शुरुआत की जानी चाहिए जिसमें यह सामने लाया जाना चाहिए कि मूर्ति विसर्जन के कारण कैसे नदी में जहरीलेपन का स्तर अस्वीकार्य रूप से बढ़ रहा है।
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प्रख्यात हस्तियों का साक्षात्कार लिया जा सकता है जैसे फिल्मी सितारों, टीवी कलाकारों के साथ-साथ ही प्रमुख एनजीओ का। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति ए.के. गोयल ने नदी की सफाई की निगरानी के लिए जुलाई में एक समिति गठित की थी। समिति में दिल्ली की पूर्व सचिव शैलजा चंद्रा एवं सेवानिवृत्त विशेषज्ञ सदस्य बी एस सजवान शामिल हैं। समिति ने एनजीटी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि अधिकारियों को मूर्ति विसर्जन के लिए विभिन्न इलाकों में कृत्रिम तालाब एवं गड्ढे बनाने की संभावनाएं तलाशनी चाहिए। साथ ही सुझाया कि मूर्तियों की अधिकतम लंबाई तीन फुट तक सीमित कर दी जानी चाहिए। ये सुझाव गुजरात के सूरत को ध्यान में रखते हुए दिए गए हैं जिसने ताप्ती नदी में किसी भी तरह के मूर्ति विसर्जन की इजाजत न देकर हाल ही में एक उदाहरण स्थापित किया है।


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Seema Sharma

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