EPFO Withdrawal Rules: EPFO नियमों में बड़ा बदलाव! 7 करोड़ PF धारकों को मिलेगा लाभ, 7 साल की नौकरी के बाद...

punjabkesari.in Tuesday, Sep 23, 2025 - 03:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के करोड़ों वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक राहतभरी खबर सामने आ रही है। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) से जुड़े नियमों को लेकर सरकार बड़े बदलाव की तैयारी में है। मौजूदा व्यवस्था के तहत पीएफ खाते से पैसे निकालना एक सीमित और शर्तों से भरी प्रक्रिया है, लेकिन अब केंद्र सरकार इस प्रक्रिया को अधिक लचीला और कर्मचारी-केंद्रित बनाने पर विचार कर रही है।

सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार अगले एक साल के भीतर EPF निकासी से जुड़े नियमों को सरल और अधिक व्यावहारिक बनाने की योजना बना रही है। सरकार का मानना है कि यह पैसा पूरी तरह कर्मचारियों का है, और उन्हें इसे अपनी ज़रूरतों के अनुसार उपयोग करने की पूरी आज़ादी मिलनी चाहिए। इस कदम से लाखों EPF अंशधारकों को मुश्किल समय में आर्थिक सहारा मिल सकेगा।

फिलहाल की बात करें तो, कर्मचारी रिटायरमेंट के समय या फिर बेरोजगारी की स्थिति में ही अपने पीएफ खाते से पूरी राशि निकाल सकते हैं। आंशिक निकासी की अनुमति भी कुछ विशेष स्थितियों तक ही सीमित है, जैसे --- मकान खरीदना, शादी या बच्चों की शिक्षा के लिए खर्च। इन परिस्थितियों में भी सेवा की न्यूनतम अवधि और निकासी की सीमाएं तय की गई हैं।

उदाहरण के लिए, किसी सदस्य ने अगर सात साल की सेवा पूरी कर ली है, तो वह अपने PF खाते से ब्याज सहित कुल जमा राशि का 50% तक निकाल सकता है। यह निकासी उसकी खुद की शादी, बच्चों की शादी, या भाई - बहन के विवाह के लिए की जा सकती है। इसी तरह, यदि सदस्य अपने या अपने परिवार के लिए आवास खरीदना चाहता है, तो वह 90% तक की राशि निकाल सकता है, बशर्ते उसने कम से कम तीन साल की सेवा पूरी की हो और मकान उसके या उसके जीवनसाथी के नाम पर हो।

शिक्षा के उद्देश्य से निकासी के मामले में भी, केवल बच्चों की मैट्रिक के बाद की पढ़ाई के लिए ही PF से राशि निकालने की अनुमति है। इसके लिए सदस्य को न्यूनतम 7 वर्षों की सेवा पूरी करनी होती है और निकासी की सीमा 50% तक है।

प्रस्तावित बदलावों के तहत संभावना है कि किसी भी सदस्य को हर 10 साल में एक बार अपने PF खाते से पूरी राशि या कुछ हिस्सा निकालने की सुविधा दी जा सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि इस तरह की व्यवस्था से कर्मचारियों को समय-समय पर अपने वित्तीय लक्ष्यों और ज़रूरतों के हिसाब से धन का उपयोग करने का अवसर मिलेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम विशेषकर उन कर्मचारियों के लिए उपयोगी होगा जो निम्न या मध्यम आय वर्ग से आते हैं और जिन्हें कई बार अचानक नकदी की जरूरत होती है। नियमों में यह संभावित बदलाव उनकी आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता को मजबूत कर सकता है। गौरतलब है कि 2023-24 में EPFO के तहत पंजीकृत सदस्यों की संख्या 7.37 करोड़ को पार कर गई है, और जुलाई 2025 में ही करीब 21 लाख नए सदस्य इससे जुड़े हैं। 


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Content Writer

Anu Malhotra

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