विराट कोहली को जाना पड़ेगा जेल? बेंगलुरु भगदड़ में 11 की मौत के बाद Kohli पर भी शिकायत दर्ज

punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 10:35 AM (IST)

नेशनल डेस्क: एक तरफ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के इतिहास में पहली बार आईपीएल ट्रॉफी उठाने की खुशी थी और दूसरी तरफ उसी जश्न ने 4 मई 2025 को बेंगलुरु की सड़कों पर मातम बिखेर दिया। टीम की विजय परेड के दौरान अचानक भीड़ बेकाबू हो गई, अफरा-तफरी मची और भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई जबकि 33 लोग घायल हुए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि सभी घायलों का इलाज जारी है और अब वे खतरे से बाहर हैं।

कैसे बेकाबू हुई भीड़?

विजय परेड दोपहर बाद मैजेस्टिक से शुरू होकर एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम तक जानी थी। आयोजनकर्ताओं ने लगभग पचास हज़ार प्रशंसकों के जुटने का अनुमान लगाया था, पर अनुमान से कहीं ज़्यादा भीड़ उमड़ पड़ी और सुरक्षा-घेरा टूट गया। जैसे ही आरसीबी की बस पास आई, लोग आगे और क़रीब जाने के लिए रेलिंग लांघने लगे। इसी धक्का-मुक्की में भगदड़ ने खतरनाक रूप ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक संकरी गलियों, अस्थायी बैरिकेडिंग और अपर्याप्त पुलिस बल ने स्थिति बदतर कर दी। 

पुलिस का पहला एक्शन

घटना के तुरंत बाद कब्बन पार्क (Cubbon Park) थाना क्षेत्र में धारा 304-A (लापरवाही से मृत्यु), 337 और 338 (गंभीर चोट) के तहत एफआईआर क्रमांक 123/2025 दर्ज की गई। प्रारंभिक जांच में आरसीबी फ्रेंचाइज़ी, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट असोसिएशन (केएससीए) की समितियों पर ‘आपराधिक लापरवाही’ के आरोप लगे। पुलिस ने आयोजक कंपनी के चार अधिकारियों को गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया। साथ ही कुछ पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया है। 

विराट कोहली के खिलाफ शिकायत क्यों?

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एच. एम. वेंकटेश ने स्टार बल्लेबाज़ विराट कोहली के खिलाफ क़ानूनी शिकायत दर्ज कराई है। उनका तर्क है कि कोहली एक सार्वजनिक हस्ती और समारोह के ‘मुख्य आकर्षण’ थे, इसलिए उन्हें सुरक्षा इंतज़ाम पुख्ता कराना चाहिए था। पुलिस का कहना है कि यह शिकायत मौजूदा एफआईआर में ही सम्मिलित कर ली गई है और कोहली की भूमिका पर भी जांच होगी। फिलहाल विराट कोहली ने इस पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

कर्नाटक सरकार ने न्यायिक मजिस्ट्रेट की अगुवाई में जांच के आदेश दिए हैं। ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खड़गे ने विपक्ष के आरोपों को “दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति” बताया मगर यह भी माना कि कहीं न कहीं प्रशासनिक चूक हुई। उधर भाजपा ने गृह मंत्री के इस्तीफ़े की मांग करते हुए कहा कि “सरकार ने भीड़ प्रबंधन में पूरी तरह विफलता दिखाई”। 

पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक मदद

आरसीबी मैनेजमेंट ने हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और गंभीर घायलों को 1 लाख रुपये का मुआवज़ा देने पर विचार कर रही है। सामाजिक संगठनों ने भी रक्तदान शिविर और काउंसिलिंग कैंप लगाने की पहल शुरू की है। 

आगे क्या हो सकता है?

  • जांच रिपोर्ट 7 दिन में: पुलिस ने घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज, ड्रोन वीडियो और सोशल मीडिया क्लिप जब्त कर लिए हैं। टेक्निकल टीम इनका फ़ॉरेंसिक विश्लेषण करेगी ताकि यह पता चल सके कि भगदड़ की शुरुआत कहां से और कब हुई।

  • जवाबदेही तय: यदि आयोजनकर्ताओं की लापरवाही साबित होती है तो उन पर गैर-इरादतन हत्या का केस चल सकता है जबकि सुरक्षा ड्यूटी में चूक पाने वाले पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई होगी।

  • सेफ़्टी प्रोटोकॉल में बदलाव: केएससीए ने संकेत दिया है कि भविष्य में किसी भी बड़े इवेंट से पहले “डायनेमिक क्राउड मैपिंग” और “रियल-टाइम एग्ज़िट मॉनिटरिंग” अनिवार्य किया जाएगा।

क्या विराट कोहली को जेल जाना पड़ेगा?

कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार किसी सेलिब्रिटी को तभी दंडित किया जा सकता है जब यह साबित हो कि उसने जानबूझकर या लापरवाही से सुरक्षा मानकों की अनदेखी की। अभी विराट कोहली पर केवल ‘शिकायत’ दर्ज हुई है, एफआईआर नहीं। पुलिस तफ़्तीश के बाद तय करेगी कि उनके खिलाफ सेक्शन 304-A या 336 जैसे दंडनीय प्रावधान लगाए जाएं या नहीं। साफ शब्दों में कहें तो जेल जाने का सवाल फिलहाल “सम्भावना” मात्र है, निर्णय जांच रिपोर्ट पर टिका है।

फैंस और क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया

घटना के बाद सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई। कई प्रशंसकों ने आरसीबी से “ज़िम्मेदारी स्वीकार करने” की अपील की और कुछ ने विराट कोहली को टैग करते हुए भविष्य में सुरक्षित आयोजन की मांग की। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने भी संवेदना जताते हुए #PrayForBengaluru ट्रेंड कराया। वहीं बीसीसीआई ने सभी फ्रेंचाइज़ियों को निर्देश दिया है कि जीत के जश्न से पहले स्थानीय प्रशासन की मंज़ूरी लेना अनिवार्य होगा।

 

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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