Saurabh Rajput Murder Case: मुस्कान को होगी फांसी? सामने आए सारे कानूनी दाव पेंच पेंच

punjabkesari.in Monday, Mar 31, 2025 - 04:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मेरठ में हुए सौरभ राजपूत हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य हत्या के मामले में मुख्य आरोपी मुस्कान रस्तोगी और साहिल शुक्ला को लेकर जनता में आक्रोश है। लोग दोनों के लिए कड़ी से कड़ी सजा, यहां तक कि फांसी की मांग कर रहे हैं। हालांकि, मेरठ के एक वकील मोहम्मद इकबाल का दावा है कि मुस्कान को फांसी नहीं होगी। उन्होंने कानूनी आधारों पर इसका कारण भी बताया है। मेरठ जिला न्यायालय के वकील मोहम्मद इकबाल ने न सिर्फ मुस्कान का केस फ्री में लड़ने की पेशकश की, बल्कि यह भी गारंटी दी कि उसे फांसी की सजा नहीं दी जा सकती। जब उनसे इस दावे का आधार पूछा गया तो उन्होंने कानूनी धाराओं का हवाला देते हुए कहा कि मुस्कान के खिलाफ सीधे तौर पर कोई ठोस सबूत नहीं है।

क्या है वकील का तर्क?

मोहम्मद इकबाल का कहना है कि:

  1. कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं: मुस्कान के खिलाफ कोई भी प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं मिला है जो साबित कर सके कि उसने सौरभ की हत्या की।

  2. सबूतों की कड़ी जोड़नी होगी: पुलिस को यह साबित करने के लिए मजबूत साक्ष्य जुटाने होंगे कि मुस्कान हत्या में पूरी तरह शामिल थी। अगर साक्ष्य कहीं कमजोर पड़े तो उसे फांसी से बचाया जा सकता है।

  3. CrPC की धारा 437: इस धारा के तहत महिलाओं और नाबालिगों के मामलों में कुछ नरमी बरतने का प्रावधान है।

  4. गवाहों की कमी: पुलिस के पास कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं है जो इस बात की पुष्टि कर सके कि मुस्कान ने खुद हत्या की।

  5. पुलिस के सामने कबूलनामा मान्य नहीं: भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 25 के तहत, पुलिस हिरासत में दिया गया बयान अदालत में साक्ष्य के रूप में मान्य नहीं होता।

क्या कानूनी दांव-पेंच से बच सकती है मुस्कान?

मोहम्मद इकबाल का मानना है कि अगर मुस्कान कोर्ट में अपने गुनाह से इनकार करती है और मजबूत कानूनी रक्षा पेश की जाती है तो उसे फांसी नहीं दी जा सकेगी। वकील का कहना है कि जब मुस्कान को पहली बार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CGM) के सामने पेश किया गया, तब उसने कोई अपराध स्वीकार नहीं किया। इसका मतलब यह हुआ कि पुलिस के पास कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है जो उसे दोषी साबित कर सके। जहां मुस्कान को बचाने की बातें हो रही हैं, वहीं साहिल शुक्ला के लिए राहत की संभावनाएं कम नजर आ रही हैं। चूंकि हत्या की प्लानिंग में उसकी संलिप्तता के ज्यादा सबूत मौजूद हैं, इसलिए उसे सख्त सजा मिलने की संभावना अधिक है।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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