J&K Unmarried Womens: शादी से क्यों दूर भाग रही हैं जम्मू-कश्मीर की महिलाएं? जानें क्यों नहीं बसा रहीं घर, सामने आई यह वजह!
punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 09:31 AM (IST)

नेशनल डेस्क। जम्मू-कश्मीर में शादी को लेकर सामाजिक सोच और परंपराएं तेजी से बदल रही हैं। अब तक जहां विवाह को एक सामाजिक और पारिवारिक फैसला माना जाता था वहीं अब यहां की महिलाएं अपने जीवन से जुड़े इस बड़े निर्णय को खुद ले रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में लगभग 57% महिलाएं अविवाहित हैं। इसमें विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी शामिल हैं। आइए जानते हैं इस बड़े बदलाव के पीछे क्या वजहें हैं।
शादी की उम्र बढ़ी
पहले जहां कम उम्र में शादी आम बात थी वहीं अब यहां महिलाओं की शादी की औसत उम्र बढ़कर 24 साल हो गई है जबकि राष्ट्रीय औसत 22 साल है। 1990 के दशक में पलायन से पहले यह औसत उम्र 21 साल थी। इस बदलाव का मुख्य कारण शिक्षा और करियर पर बढ़ता ध्यान है।
आर्थिक अस्थिरता और बेरोजगारी
जम्मू-कश्मीर में शादी में देरी की एक बड़ी वजह आर्थिक सुरक्षा भी है। लंबे समय से चल रहे राजनीतिक अस्थिरता और सीमित रोजगार के अवसरों ने युवाओं के लिए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना मुश्किल बना दिया है। शादी जैसे बड़े समारोहों और दहेज जैसी सामाजिक जिम्मेदारियों में काफी खर्च होता है जिसे पूरा करना युवाओं के लिए एक बड़ी चुनौती है। यही कारण है कि पुरुष और महिलाएं दोनों ही आर्थिक रूप से सक्षम होने के बाद ही शादी करना चाहते हैं।
शिक्षा और करियर को प्राथमिकता
अब यहां की युवा महिलाएं और पुरुष अपनी पढ़ाई और करियर को शादी से ज्यादा महत्व दे रहे हैं। उनका मानना है कि शादी उनके व्यक्तिगत विकास और स्वतंत्रता में बाधा बन सकती है। खासकर महिलाओं को अपने करियर में सफल होने और सामाजिक उम्मीदों को पूरा करने की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ता है।
पारंपरिक दबाव और दहेज प्रथा
पारंपरिक विवाह प्रणाली जिसमें परिवार जाति, आर्थिक स्थिति और दहेज के आधार पर जीवनसाथी चुनते हैं आज भी परिवारों पर दबाव डालती है। हालाँकि इस तरह की प्रथाओं के खिलाफ जागरूकता बढ़ रही है लेकिन ये अब भी विवाह में देरी का एक बड़ा कारण हैं।
जम्मू-कश्मीर में महिलाएं अब सामाजिक अपेक्षाओं को दरकिनार कर अपनी खुशियों और अपनी पसंद को प्राथमिकता दे रही हैं। वे किसी भी कीमत पर शादी करने के बजाय अपनी शर्तों पर जीवनसाथी चुनने का इंतजार कर रही हैं। यह एक बड़ा सांस्कृतिक बदलाव है जो यहाँ के समाज की नई दिशा को दिखा रहा है।