गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों?

punjabkesari.in Friday, Jan 26, 2018 - 04:02 PM (IST)

नेशनल डेस्कः इस दिन जवाहर लाल नेहरू ने लाहौर में रावी नदी के तट पर तिरंगा फहराया। इसके बाद 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया लेकिन अंग्रेज अभी भारत में ही थे। क्या आप जानते हैं 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? साल 1927 के करीब भारत में पूर्ण स्वतंत्रता की मांग जोर पकडऩे लगी थी। दिसम्बर 1928 में इंडियन नैशनल कांग्रेस डोमिनियन स्टेटस की मांग करते हुए एक प्रस्ताव लाई और ब्रिटिश सरकार को एक साल का समय दिया। अंग्रेजों ने यह कहते हुए इस विचार को नकार दिया कि भारत इसके लिए अभी तैयार नहीं है। इससे कांग्रेस नाराज हो गई।

लाहौर में 1929 में एक सैशन के दौरान जवाहर लाल नेहरू को अध्यक्ष चुन लिया गया और कांग्रेस ने डोमिनियन स्टेटस से अलग पूर्ण स्वराज के लिए वोट किया। इसके बाद एक प्रस्ताव पारित हुआ कि 1930 में जनवरी के आखिरी रविवार को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाए। जनवरी का आखिरी रविवार 1930 में 26 तारीख को पड़ा। इस दिन जवाहर लाल नेहरू ने लाहौर में रावी नदी के तट पर तिरंगा फहराया। इसके बाद 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया लेकिन अंग्रेज अभी भारत में ही थे। 15 अगस्त 1947 को जब भारत को आजादी मिली उससे पहले संविधान सभा का गठन 1946 में हो गया था और संविधान 26 नवम्बर 1949 तक तैयार हो गया। तब दो महीने और रुकने का निर्णय लिया गया और पूर्ण स्वराज दिवस (26 जनवरी 1930) को ध्यान में रखते हुए भारतीय संविधान 26 जनवरी को लागू किया गया।

यह भी जानें
-26 जनवरी 1950 को 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू हुआ था।
-भारत के पहले राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने गवर्नमैंट हाऊस में 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी।
-पहले गणतंत्र दिवस पर दिल्ली केइर्विन स्टेडियम में झंडा फहराया गया था।
-26 जनवरी 1950 को ही सारनाथ के अशोक स्तंभ पर बने सिंह को राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया।
-मोर को भारत का राष्ट्रीय पक्षी 1963 में घोषित किया गया था।
-गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा तीनों सेना प्रमुख अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं।
-29 जनवरी शाम को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सैरेमनी के आयोजन के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है।
-भारतीय संविधान की दो प्रतियां हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गईं जो संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई हैं।


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