क्यों जरूरी प्राण प्रतिष्ठा है ?, जानिए कैसे होती है इसकी पूरी प्रक्रिया

punjabkesari.in Monday, Jan 22, 2024 - 04:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लंबे इंतजार के बाद, आज अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में उनकी मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम पुरा हो चुका है। पूरे देश से आए गए भक्तों ने इस अद्भुत घड़ी में भगवान राम के दर्शन करने का अद्वितीय अवसर पाया है। 

प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त
आज अभिजीत मुहूर्त में, दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट के बीच, अयोध्या के नए मंदिर में भगवान राम की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित हुआ। यह समय अद्वितीय और अत्यंत महत्वपूर्ण था क्योंकि इस समय में रामलला को पहली बार जगाया गया है और उनका स्नान एवं श्रृंगार भी किया गया।

22 जनवरी की तारीख का महत्व
इस महोत्सव का आयोजन 22 जनवरी को किया गया क्योंकि ज्योतिष गणना के अनुसार, इस तारीख पर अग्निबाण, मृत्यु बाण, चोरवाण, नृपवाण, और रोगवान से मुक्ति है। यह तिथि अत्यंत शुभ है और इसका चयन विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा किया गया है।

शुभ योगों के साथ मनाई जा रही है यह अद्वितीय घड़ी
आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग, अमृत योग और इंद्र योग के साथ मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश का भी संयोग है।

प्राण प्रतिष्ठा क्यों जरूरी है
हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी मंदिर में देवी-देवता की मूर्ति स्थापित करने से पहले उस मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करना बेहद आवश्यक है। इसके बिना किसी भी प्रतिमा की पूजा नहीं की जा सकती है। प्राण प्रतिष्ठा का मतलब है देवता को जीवन देना और उन्हें पूजनीय बनाना।

प्राण प्रतिष्ठा की पूरी प्रक्रिया
प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मूर्ति को विभिन्न तत्वों में डुबोया जाता है। इस प्रक्रिया में मूर्ति को पानी, अनाज, फल, औषधि, केसर, और घी में डाला जाता है। इसके बाद स्नान, अभिषेक, श्रृंगार, और पूजन की क्रियाएं की जाती हैं। अंत में आरती-अर्चना के साथ भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है। 



 


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Content Editor

Mahima

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