Newborn Babies को क्यों हो जाता है पीलिया, ये कितना खतरनाक? जानिए इसके कारण और बचाव
punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2025 - 04:07 PM (IST)
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नेशनल डेस्क। नवजात शिशुओं में पीलिया (जॉन्डिस) एक आम समस्या है। कई बार जन्म के बाद बच्चों की आंखें पीली दिखाई देती हैं जिसे पीलिया कहा जाता है। पीलिया तब होता है जब बच्चे के शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। आमतौर पर यह समस्या कुछ दिनों में ठीक हो जाती है लेकिन कभी-कभी यह गंभीर रूप भी ले सकती है। इसलिए माता-पिता को इस पर ध्यान रखना जरूरी है।
पीलिया होने के कारण
गाजियाबाद के जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में डॉ. विपिन चंद्र उपाध्याय बताते हैं कि नवजात बच्चों में पीलिया होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें प्रमुख हैं:
➤ लिवर का ठीक से विकसित न होना
जन्म के बाद नवजात का लिवर पूरी तरह से काम नहीं कर पाता है जिससे शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है और यही पीलिया का कारण बनता है।
➤ रक्त कोशिकाओं का अधिक टूटना
नवजात शिशुओं में लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) ज्यादा बनती और टूटती हैं जिसके कारण बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है और पीलिया का खतरा होता है।
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➤ ब्लड ग्रुप का अंतर
अगर मां और बच्चे का ब्लड ग्रुप अलग-अलग है तो यह भी पीलिया होने का कारण बन सकता है।
➤ गर्भ में विकास संबंधी समस्याएं
गर्भ में बच्चे का संपूर्ण विकास न होना और गर्भवती महिलाओं द्वारा सही आहार न लिया जाना भी पीलिया के कारण बन सकते हैं।
➤ पीलिया का खतरा
डॉ. विपिन बताते हैं कि पीलिया सामान्यतः 1-2 हफ्ते में ठीक हो जाता है लेकिन अगर बिलीरुबिन का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो यह गंभीर हो सकता है। अत्यधिक बिलीरुबिन से बच्चे के दिमाग पर असर पड़ सकता है जिससे मानसिक विकास रुक सकता है। इसके अलावा यदि पीलिया लंबे समय तक बना रहे तो यह लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
➤ पीलिया से बचाव और इलाज
1. ब्रेस्ट फीडिंग:
नवजात को बार-बार ब्रेस्ट फीडिंग कराने से पीलिया जल्दी ठीक हो सकता है। यह बच्चे के शरीर से बिलीरुबिन को बाहर निकालने में मदद करता है।
2. डॉक्टर से सलाह:
अगर बच्चे की स्किन या आंखें पीली हो जाएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। पीलिया के लक्षणों में लापरवाही नहीं करनी चाहिए।