रतन टाटा की अंतिम यात्रा में शांतनु नायडू को पुलिस ने क्यों रोका ? जानें वायरल वीडियो की असलियत

punjabkesari.in Friday, Oct 11, 2024 - 04:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के प्रख्यात उद्योगपति रतन टाटा का हाल ही में निधन हो गया, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। रतन टाटा की व्यक्तिगत और पेशेवर यात्रा ने न केवल उनके परिवार और दोस्तों को, बल्कि पूरे देश को प्रभावित किया है। उनकी अंतिम यात्रा में कई प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया, लेकिन इस दौरान रतन टाटा के सबसे करीबी दोस्त शांतनु नायडू ने विशेष ध्यान आकर्षित किया।

अंतिम यात्रा का भावुक माहौल
रतन टाटा की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्मशान घाट पर, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया, वहां पर भीड़ इकट्ठा थी। उनके फैंस, परिवार और सहयोगियों ने रतन टाटा के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। इस अवसर पर शांतनु नायडू ने भी अपनी भावनाओं को साझा किया। 

वायरल वीडियो की शुरुआत
इसी बीच, रतन टाटा के अंतिम संस्कार से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इस वीडियो में शांतनु नायडू को दिखाया गया है, जो उस गाड़ी के आगे चल रहे हैं जिसमें रतन टाटा का शव रखा गया था। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पुलिस ने उन्हें रोका है। वीडियो के प्रसार के बाद, लोगों के मन में सवाल उठने लगे कि आखिर शांतनु को पुलिस ने क्यों रोका।

पुलिस द्वारा रोकने का कारण
वीडियो में शांतनु नायडू को पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए देखा जा सकता है। बातचीत मराठी भाषा में हो रही है, और शांतनु पुलिस से कह रहे हैं कि "मेरी बाइक काफिले की पायलट गाड़ी है। अगर यह आगे नहीं जाएगी, तो पीछे की गाड़ियां कैसे आगे बढ़ेंगी?" यह स्थिति कुछ समय तक चलती है, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति दे दी। इस बातचीत के दौरान दोनों पक्षों के बीच एक सकारात्मक संवाद होता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह स्थिति केवल एक छोटी सी गलतफहमी थी।

शांतनु नायडू का परिचय
शांतनु नायडू और रतन टाटा के बीच उम्र का लगभग 55 साल का अंतर है, फिर भी उनकी दोस्ती बेहद खास मानी जाती है। शांतनु नायडू एक पशु प्रेमी हैं और रतन टाटा के साथ उनके इस प्रेम के कारण ही उनकी मित्रता हुई थी। उनके बीच की मित्रता की शुरुआत उस समय हुई थी जब शांतनु ने रतन टाटा से एक विशेष मामले पर बात की थी। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, रतन टाटा शांतनु के काम से इतने प्रभावित थे कि वे उनसे बिजनेस आइडिया भी लेते थे। शांतनु नायडू की विशेषज्ञता और रचनात्मकता ने रतन टाटा के विचारों में नया आयाम जोड़ा। यह दोस्ती न केवल व्यक्तिगत थी, बल्कि व्यवसायिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण थी।
 

रतन टाटा की अंतिम यात्रा एक भावनात्मक और सम्मानित अवसर था। शांतनु नायडू का वीडियो वायरल होना इस बात का प्रमाण है कि रतन टाटा के प्रति लोगों की कितनी गहरी भावनाएं हैं। इस वीडियो ने कई सवाल उठाए, लेकिन इसकी सच्चाई स्पष्ट है। यह न केवल एक दोस्त की श्रद्धांजलि है, बल्कि रतन टाटा के प्रति सम्मान और प्रेम का प्रतीक भी है। रतन टाटा के योगदान और उनकी विरासत को याद करते हुए, हमें यह याद रखना चाहिए कि उन्होंने न केवल भारतीय उद्योग को आगे बढ़ाया, बल्कि उन्होंने समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की। उनकी विचारधारा और दृष्टिकोण से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए, ताकि हम भी उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चल सकें।

 


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Content Editor

Mahima

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