जानिए, भाजपा शासित राज्यों में क्यों नहीं चला टीम मोदी का जादू
punjabkesari.in Wednesday, Dec 12, 2018 - 10:00 AM (IST)

नेशनल डेस्कः पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों में भाजपा शासित राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पार्टी को करारा झटका लगा है। 2019 के लोकसभा चुनाव के इस सैमीफाइनल में भाजपा का प्रदर्शन उसके ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के अभियान की राह में बड़ा रोड़ा साबित हुआ है। टीम मोदी ने ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का नारा इतना बुलंद किया कि 3 राज्यों की जनता ने उसे ‘कांग्रेस युक्त भारत’ की ओर अग्रसर कर दिया। ये चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण थे क्योंकि इन्हें 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस के लिए जमीनी हकीकत बताने वाला कहा जा रहा था। मिजोरम में एम.एन.एफ. ने जीत दर्ज की है जबकि तेलंगाना में कांग्रेस को आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिली है।
राजस्थान
क्यों जीती कांग्रेस
- राहुल गांधी ने लगातार रैलियां कर ताबड़तोड़ प्रचार किया।
- गहलोत और सचिन पायलट गुट ने मिलकर काम किया।
- उम्मीदवारों के चयन में सावधान बरती, जिससे पार्टी को लाभ हुआ।
क्यों हारी भाजपा
- 85 विधायकों के टिकट काटे, जिनमें से कई बागी बनकर मुसीबत बने।
- मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की छवि लोगों के साथ सम्पर्क न रखने वाली नेता की रही, जिसका नुक्सान हुआ।
- जी.एस.टी. और नोटबंदी के कारण शहरी और व्यापारी वोटर नाराज हुआ।
क्या थे मुद्दे
कांग्रेस
- महंगाई, बेरोजगारी, राफेल डील, नोटबंदी को भुनाया। अच्छे दिन की हकीकत, माल्या का विदेश भागना, किसानों के कर्ज माफ करना और बजरी व भू-माफिया।
भाजपा
- विकास, भ्रष्टाचार, गरीबी कम करने से लेकर राम मंदिर और हिन्दुत्व का सहारा। कांग्रेस को वंशवाद, भारत माता की जय न बोलने, सी.एम. का चेहरा न बताने पर घेरा।
2013 में दलीय स्थिति (कुल सीटें 200)
पार्टी | सीटें | मत% |
भाजपा | 163 | 46.79 |
कांग्रेस | 21 | 34.27 |
अन्य | 13 | 15.42 |
बसपा | 03 | 3.52 |
छत्तीसगढ़
कांग्रेस की जीत के प्रमुख कारण
- भाजपा की 15 साल की सत्ता के खिलाफ माहौल भुनाया।
- आदिवासी वोटों का समीकरण देखकर उम्मीदवार तय किए।
- अजीत जोगी की पत्नी का टिकट काटकर यह संदेश दिया कि जोगी कांग्रेस के साथ नहीं हैं, जोगी का वोट बैंक कांग्रेस को मिल गया।
भाजपा की हार के मुख्य कारण
- अजीत जोगी और मायावती का गठजोड़ बनवाने का दाव उलटा पड़ा।
- चुनाव के दौरान मोदी ने ज्यादा रैलियां नहीं कीं, जिसका नुक्सान हुआ।
- छत्तीसगढ़ के गठन के साथ लोग भाजपा के बाद नया विकल्प चाहते थे।
क्या थे मुद्दे
कांग्रेस
- धान का समर्थन मूल्य कम मिलने को मुद्दा बनाया, किसानों की आत्महत्या के आंकड़े पेश न कर भाजपा को घेरा, बेरोजगारी, महंगाई पर सरकार को आड़े हाथों लिया।
भाजपा
- नक्सलवाद को मुख्य मुद्दा बनाया, कांग्रेस को नक्सलियों का हितैषी बताकर घेरने का प्रयास किया। विकास का वायदा कर वोट बटोरने की रणनीति उलटी पड़ गई।
2013 में दलीय स्थिति (कुल सीटें 90)
पार्टी | सीटें | मत% |
भाजपा | 49 | 41.41 |
कांग्रेस | 39 | 40.71 |
बसपा | 01 | 4.34 |
निर्दलीय | 01 | 13.54 |
मध्य प्रदेश
कांग्रेस को क्यों मिली बढ़त
- राहुल गांधी ने कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट में तालमेल बनवाया, दिग्विजय को प्रचार से दूर रखा गया।
- राहुल ने हिन्दू राज्य में खुद को हिन्दू के तौर पर प्रस्तुत किया।
- उम्मीदवारों के चयन में सभी धड़ों को प्रतिनिधित्व मिला।
क्यों पिछड़ी भाजपा
- भाजपा ने चुनाव का सारा दारोमदार मुख्यमंत्री के चेहरे पर रखा।
- व्यापमं घोटाले में हुई बदनामी के चलते भाजपा को नुक्सान हुआ।
- सत्ता विरोधी लहर के चलते केंद्रीय मंत्री अपने हलकों में जीत नहीं दिला सके।
क्या थे मुद्दे
- कांग्रेस भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा और आत्महत्या। एट्रोसिटी एक्ट, अफसर-मंत्री व ठेकेदारों के गठजोड़ को उजागर करने का प्रयास किया।
भाजपा
- 15 वर्षों के विकास कार्य, शिवराज का चेहरा, राजा-महाराजा-उद्योगपतियों पर आक्रामक प्रचार किया। दिग्विजय शासनकाल की विफलता भी बताई।
2013 में दलीय स्थिति (कुल सीटें 230)
पार्टी | सीटें | मत% |
भाजपा | 165 | 44.09 |
कांग्रेस | 58 | 36.4 |
बसपा | 04 | 6.3 |
निर्दलीय | 03 | 12.4 |