''Indian'' शब्द का इस्तेमाल अमेरिका में नहीं होगा! आखिर इस शब्द पर क्यों आगबबूला हुए डोनाल्ड ट्रंप?
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 01:19 PM (IST)
नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने हाल ही में एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अमेरिका में अब 'इंडियन' शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। यह सुनकर कई भारतीय नागरिकों को हैरानी हो सकती है, लेकिन ट्रंप का यह बयान भारत के इंडियंस के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका के मूल निवासियों (जिन्हें नेटिव अमेरिकन्स या इंडिजिनस पीपुल कहा जाता है) के संदर्भ में था। ट्रंप का यह कमेंट एक लंबे समय से चली आ रही सांस्कृतिक और नस्लीय बहस से जुड़ा हुआ है।
गलत पहचान से आया 'इंडियन' शब्द
यह पूरा भ्रम 1492 में शुरू हुआ था। जब क्रिस्टोफर कोलंबस भारत पहुंचने के लिए एक नए समुद्री रास्ते की तलाश में पश्चिम की ओर निकले। गलती से वह एक बिल्कुल नए महाद्वीप (अमेरिका) पर पहुंच गए। उन्हें लगा कि वह भारत के बाहरी इलाके में आ गए हैं और इसी भ्रम में उन्होंने वहां के स्थानीय लोगों को 'इंडियन्स' नाम दे दिया। बाद में यह साफ हो गया कि कोलंबस ने एक नया महाद्वीप खोज लिया था, लेकिन यह नाम कॉलोनियल संधियों, सरकारी नीतियों और सदियों पुरानी अमेरिकी शब्दावली में शामिल हो गया। आज कई मूल निवासी जनजातियों के लिए 'इंडियन' शब्द Colonization और ऐतिहासिक गलतियों की याद दिलाता है, इसीलिए इसे एक अपमानजनक और असहज शब्द माना जाता है।

ट्रंप के बैन लगाने के पीछे क्या है तर्क?
कई अमेरिकी संगठन लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं कि 'इंडियन' शब्द पुराना हो चुका है और नस्लीय रूप से असंवेदनशील है। उनका तर्क है कि नेटिव अमेरिकन, इंडिजिनस या जनजातीय नाम जैसे शब्द ही ज्यादा सम्मानजनक और सही हैं। लेकिन ट्रंप ने इस बहस को एक नया मोड़ दिया है। उन्होंने यह तर्क दिया है कि 'इंडियन' शब्द भारत के इंडियन्स के लिए ही आरक्षित रहना चाहिए और इसे नेटिव ट्राइब्स के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
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पुराने विवादों से ट्रंप का कनेक्शन
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप स्वदेशी समूहों से जुड़े विवादों में घिरे हों। वह लंबे समय से वाशिंगटन रेडस्किन्स और क्लीवलैंड इंडियन्स जैसी स्पोर्ट्स टीमों के नाम बदलने का विरोध करते रहे हैं। उनका मानना था कि मूल निवासी पुराने नाम ही वापस चाहते हैं। इसके अलावा 1993 में उन्होंने एक कांग्रेस सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी भी की थी कि क्या कुछ जनजातियां 'दिखने में असली भारतीय' हैं, जिस पर काफी आलोचना हुई थी।
