शहबाज शरीफ, यूनुस और जिनपिंग? ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में कौन होंगे शामिल, कौन नहीं?

punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2025 - 02:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर से राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। इस बार वह दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति की कमान संभालेंगे, और उनकी शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन वाशिंगटन डीसी में होगा। ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि दुनिया भर के नेताओं और देशों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जिसमें कई वैश्विक नेताओं के भाग लेने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन इस बार कुछ प्रमुख नेताओं को निमंत्रण नहीं भेजा गया है, जिससे इस कार्यक्रम पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्रित हो गया है। 

ये है निमंत्रण भेजे गए देशों के नेताओं के नाम
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप की टीम ने पहले ही पुष्टि की है कि उन्होंने कई देशों के नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा है। इनमें से कुछ देशों के नेताओं ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है, जबकि कुछ अन्य ने अभी तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। जिन प्रमुख देशों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है, उनमें चीन, अर्जेंटीना, इटली, अल साल्वाडोर, हंगरी, और यूक्रेन शामिल हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वह इस समारोह में खुद शामिल नहीं होंगे।

इसके बजाय, चीन की तरफ से एक वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल कार्यक्रम में हिस्सा ले सकता है। यह बदलाव एक बड़ी खबर के रूप में सामने आया है, क्योंकि पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि शी जिनपिंग खुद इस आयोजन में शामिल होंगे। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले और हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन को भी ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण भेजा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली ने अपने प्रवक्ता के हवाले से पुष्टि की है कि वह इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अमेरिका जाने का प्लान बना रहे हैं। इसके अलावा, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी को भी समारोह में आने के लिए न्योता भेजा गया है।

जिन नेताओं को निमंत्रण नहीं भेजा गया...
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का नाम शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वालों की सूची में नहीं है। इन दोनों नेताओं को कार्यक्रम के लिए कोई निमंत्रण नहीं भेजा गया है, जो कि एक महत्वपूर्ण तथ्य है। साथ ही, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भी इस आयोजन में शामिल होने के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है। रूस और इजरायल के नेताओं का इस समारोह से बाहर होना एक दिलचस्प घटनाक्रम है, क्योंकि दोनों देशों के साथ अमेरिका के राजनीतिक संबंधों पर हमेशा से ही ध्यान केंद्रित रहा है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन को आमतौर पर अमेरिका के कार्यक्रमों में न्योता नहीं मिलता, और इस बार भी वही स्थिति दिखाई दी है। इसी तरह, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का भी नाम इस समारोह में शामिल नहीं है, जो कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक चौंकाने वाला कदम हो सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप के लिए चंदा और टिकटों की स्थिति
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए चंदे की बड़ी राशि जुटाई गई है। ट्रंप की इनॉग्रल कमिटी ने बताया है कि अब तक कार्यक्रम के लिए 170 मिलियन डॉलर (लगभग 14,60,66,12,500 रुपये) की राशि जमा हो चुकी है, और यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है। यह राशि जो बाइडेन के 2020 में हुए शपथ ग्रहण समारोह से तीन गुना अधिक है, जिसमें सिर्फ 62 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई गई थी। 
ट्रंप की इनॉग्रल कमिटी ने यह भी बताया कि सारे वीआईपी टिकट बिक चुके हैं। यह भी जानकारी दी गई है कि जिन डोनर्स ने कार्यक्रम के लिए बड़ा दान किया है, उन्हें अब वेटलिस्ट पर रखा गया है, क्योंकि सभी प्रमुख कार्यक्रमों की टिकटें बिक चुकी हैं। डेली मेल के अनुसार, कार्यक्रम के लिए चंदा देने वाले दानदाता लगातार पैसा भेज रहे हैं, और इस चंदे की राशि अब तक 170 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए यह चंदा अब तक के सबसे बड़े चंदे में से एक हो सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में आयोजित होगा। इस आयोजन में कई अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के शामिल होने की संभावना है, जिनमें चीन, अर्जेंटीना, इटली, अल सल्वाडोर, और हंगरी जैसे देशों के प्रमुख शामिल हैं। हालांकि, कुछ प्रमुख नेता जैसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को निमंत्रण नहीं भेजा गया है, जो इसे एक दिलचस्प पहलू बनाता है। इसके अलावा, इस समारोह के लिए भारी चंदा भी जुटाया गया है, जो इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना सकता है।


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Content Editor

Mahima

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