''यह मोदी की गारंटी- जहां भी हाथ रखेंगे, सत्य नष्ट हो जाएगा'', शिवाजी की मूर्ति ढहने पर उद्धव का प्रधानमंत्री पर हमला
punjabkesari.in Sunday, Sep 01, 2024 - 05:40 PM (IST)
नेशनल डेस्क: सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहाए जाने के विरोध में रविवार को मुंबई में महा विकास अघाड़ी के विरोध प्रदर्शन के दौरान यूबीटी सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान किया गया है और लोग छत्रपति शिवाजी का अपमान करने वालों को कभी नहीं भूलेंगे। विरोध रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि वह जहां भी हाथ रखते हैं, सत्य नष्ट हो जाता है।
उन्होंने कहा, "इस गलती के लिए कोई बहाना नहीं है। शिवाजी महाराज और गेटवे ऑफ इंडिया हमारे देश का प्रवेश द्वार है। यह शिव विरोधी सरकार असंवैधानिक तरीके से बैठी है। देश के प्रधानमंत्री चार दिन पहले आए थे। उन्होंने माफी मांगी। माफी मांगते समय भी उनके चेहरे पर कुछ नहीं था।" उन्होंने कहा, "क्या आपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए महाराजा की मूर्ति लगाने के लिए माफ़ी मांगी? यह मोदी की गारंटी है, वह जहां भी हाथ रखेंगे, सत्य नष्ट हो जाएगा। महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान किया गया है, महाराष्ट्र के धर्म का अपमान किया गया है। महाराष्ट्र शिवाजी का अपमान करने वालों को कभी माफ नहीं करेगा।"
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह सिर झुकाकर महाराष्ट्र के लोगों से माफी मांगते हैं, जो सिंधुदुर्ग में शिवाजी की मूर्ति गिरने की घटना से आहत हुए हैं। शुक्रवार को महाराष्ट्र के पालघर जिले के मालवण में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने घटना के लिए खेद जताते हुए विपक्ष पर माफी न मांगने का भी आरोप लगाया। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि जब इतनी बड़ी घटना हो गई है तो अघाड़ी चुप नहीं बैठेगी और भाजपा उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए पागल हो गई है।
भाजपा भी मुंबई के दादर इलाके में महा विकास अघाड़ी के खिलाफ जवाबी विरोध प्रदर्शन कर रही है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि अघाड़ी का आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक है और एमवीए या कांग्रेस ने कभी छत्रपति शिवाजी का सम्मान नहीं किया। सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई थी। पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस समारोह के दौरान इसका अनावरण किया गया था, जो सिंधुदुर्ग में पहली बार आयोजित किया गया था।