राम कहानी: ये है वो जगह जहां हुआ था भगवान राम का हनुमान से मिलन, जानिए आज कैसी दिखती है वो जगह

punjabkesari.in Tuesday, Jan 16, 2024 - 02:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अपने अंतिम चरण पर हैं। 22 जनवरी को भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। मैसूर स्थित अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई राम लला की एक नयी मूर्ति को अयोध्या में राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है। 18 जनवरी को इसे श्री रामजन्मभूमि तीर्थ पर गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। राम मंदिर उत्साह के बीच लोग भी रामायण से जुड़े किस्सों को गूगल पर खूब सर्च कर रहे हैं। हम भी आपको बता रहे हैं कि जहां-जहां रामायण की प्रमुख घटनाएं हुई थीं, वो आज कहां हैं? क्या आप जानते हैं भगवान राम और हनुमान की पहली मुलाकात कहां हुई थी और आज वो जगह कहां है? आइए जानते हैं...

कब हुई भगवान राम और हनुमान की मुलाकात
रामायण के मुताबिक, जब भगवान राम अपने छोटे भाई के साथ अपनी धर्मपत्नी सीता को खोजते-खोजते ऋष्यमूक पर्वत के पास पहुंचते हैं तो उनकी मुलाकात हनुमान से होती है। कहा जाता है पहले सुग्रीव ने भगवान राम को देखा था और काफी भयभीत हो गया था। इतने बलशाली और तेजस्वीवान मनुष्य उसने कभी नहीं देखे थे। सुग्रीव भागते हुए हनुमान के पास आए और कहा कि हमारी जान को खतरा है। कहीं यह बाली के भेजे हुए तो नहीं हैं। 

सुग्रीव ने हनुमानजी से कहा कि तुम ब्रह्मचारी का रूप धारण करके उनके समक्ष जाओ और उसके हृदय की बात जानकर मुझे इशारे से बताओ। यदि वे सुग्रीव के भेजे हुए हैं तो मैं तुरंत ही यहां से कहीं ओर भाग जाऊंगा। इसके बाद हनुमान से साधू के रुप में भगवान राम और लक्ष्मण से मुलाकात की थी। बाद में अपना परिचय देने के बाद भगवान राम ने हनुमान को गले लगाया था।

इस जगह हुआ मिलन 
हल्ली कोपल को भगवान राम और हनुमान मिलन की जगह मानी जाती है। यहां हनुमान और प्रभुराम का मिलन हुआ था। इसके पास ही एक पर्वत पर हनुमानजी की मां अजना देवी का मंदिर भी है। यहां से ही रामायण के किष्किंधाकांड की शुरूआत हुई थी। इसे हनुमान हल्ली भी कहा जाता है, जो कर्नाटक के कोप्पल जिले में स्थित है।

यहां गिराए थे माता सीता ने वस्त्र
हम्पी में ऋष्यमूक पर्वत पर एक जगह को सुग्रीव गुफा कहा जाता है, कहा जाता है यहां सुग्रीव अपने बड़े भाई बाली के डर से छुपकर रहते थे। इस जगह की एक कहानी भी है जब रावण, माता सीता का हरण कर लंका ले जा रहा था, उस वक्त माता सीता ने यहां वानरों को देखकर अपने वस्त्र इस क्षेत्र में गिरा दिए गए थे। इस जगह को किष्किंधा कहा जाता है जोकि आज कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की सीमा के आसपास है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

rajesh kumar

Related News