घर-घर दस्तक देने आ रही जनगणना टीम, जानिए कौन-कौन से सवाल होंगे आपके सामने, इस तारीख से होगी शुरू
punjabkesari.in Thursday, Jun 05, 2025 - 03:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत में आखिरी बार जनगणना साल 2011 में हुई थी। 2021 से इसकी तारीखें लंबित चल रही थीं लेकिन अब मोदी सरकार ने जनगणना को हरी झंडी दे दी है। इस बार की जनगणना में मूल जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना भी कराई जाएगी जो एक महत्वपूर्ण बदलाव है। कोरोना महामारी के कारण 2021 में इसे टाल दिया गया था लेकिन अब नई तारीखें आ गई हैं।
कैसे होती है जनगणना?
जनगणना के लिए सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है। ये कर्मचारी तय क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों से विभिन्न तरह की जानकारी जुटाते हैं। सरकार इन कर्मचारियों को जनगणना के लिए खास पहचान पत्र देती है और अगर किसी व्यक्ति को संशय हो तो वे उनसे आधिकारिक पहचान पत्र दिखाने के लिए भी कह सकते हैं।
जनगणना का काम दो हिस्सों में किया जाता है:
- हाउसिंग (Housing): इसमें घर से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं जैसे बिजली, पेयजल, शौचालय की उपलब्धता और संपत्ति से जुड़ी जानकारी।
- नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) का फॉर्म: यह दूसरा फॉर्म होता है जिसमें घर के सदस्यों से जुड़े व्यक्तिगत सवाल होते हैं।
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जनगणना में पूछे जाने वाले प्रमुख सवाल
एनपीआर फॉर्म में आमतौर पर 29 सवाल पूछे जाते हैं जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- लिंग, माता का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि
- वैवाहिक स्थिति, शादी के समय उम्र
- धर्म, संप्रदाय, अनुसूचित जाति या जनजाति से संबंध
- दिव्यांगता की स्थिति
- मातृभाषा और अन्य भाषाओं का ज्ञान
- साक्षरता की स्थिति, मौजूदा शैक्षणिक स्थिति, उच्चतम शिक्षा
- बीते साल का रोजगार, आर्थिक गतिविधि की श्रेणी, रोजगार का प्रकार, उद्योग की प्रकृति
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- रोजगार और सेवाएं, श्रेणी गैर-आर्थिक गतिविधि
- कैसा रोजगार चाहते हैं, काम पर जाने का माध्यम
- परिवार के मुखिया, परिवार के मुखिया से संबंध
- अस्थायी पता, वर्तमान पता
इस बार जाति आधारित जनगणना भी इसमें शामिल होगी जिसका सबसे बड़ा असर ओबीसी वर्ग पर देखने को मिलेगा।
कब से शुरू होगी जनगणना?
भारत में इस बार जनगणना का काम दो चरणों में पूरा होगा:
- पहला चरण: 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा। इस दौरान देश के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों की जनगणना की जाएगी।
- दूसरा चरण: 1 मार्च 2027 से शुरू होगा। इस दौरान मैदानी इलाकों में जनगणना की जाएगी।
यह जनगणना देश के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी खासकर जातिगत आंकड़ों से विभिन्न वर्गों के लिए नीतियों के निर्माण में मदद मिलेगी।