मराठी नहीं बोला तो क्या करेगा... कहने पर बवाल! शौचालय चालक को MNS कार्यकर्ताओं ने पीटा, वीडियो वायरल
punjabkesari.in Friday, Jul 25, 2025 - 03:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी भाषा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन मारपीट की घटनाएँ सामने आ रही हैं। ऐसा ही एक ताज़ा मामला नांदेड से सामने आया है, जहाँ एक शौचालय चालक को केवल इसलिए पीटा गया क्योंकि उसने कथित तौर पर 'मैं मराठी नहीं बोलूंगा' कहा था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
बस स्टैंड पर शौचालय संचालक से मनसे कार्यकर्ताओं की मारपीट
जानकारी के मुताबिक, नांदेड शहर के बस डिपो परिसर में कार्यरत एक उत्तर भारतीय शौचालय संचालक अमरेश झा को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कुछ कार्यकर्ताओं ने पीट दिया। बताया जा रहा है कि अमरेश झा महिलाओं से शौचालय इस्तेमाल के लिए 5 रुपये ले रहे थे, जिस पर एक युवक ने उनसे बात की। जब झा हिंदी में बात करने लगे, तो युवक ने उनसे मराठी में बात करने को कहा। इस पर झा ने कथित तौर पर विवाद करते हुए कहा, "मराठी नहीं बोला तो क्या करेगा?"
इस बयान के बाद युवक ने इसकी जानकारी MNS को दी। इसके बाद मौके पर पहुँचे MNS कार्यकर्ताओं ने अमरेश झा को पीटा और उनसे कान पकड़कर माफी भी मंगवाई।
उत्तर भारतीय समाज का विरोध और पुलिस कार्रवाई
इस घटना के बाद नांदेड में रह रहे उत्तर भारतीय व्यापारियों और नागरिकों ने एकजुट होकर वजीराबाद पुलिस स्टेशन पर प्रदर्शन किया। उनके साथ पीड़ित अमरेश झा भी मौजूद थे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से हमलावरों पर सख्त कार्रवाई और उत्तर भारतीयों की सुरक्षा की गारंटी की मांग की।
अमरेश झा ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि घटना वाले दिन चार से पाँच लोग अचानक उसके पास पहुँचे और बिना किसी कारण बहस शुरू कर दी। उसने गुस्से में कह दिया कि वह मराठी नहीं बोलेगा। इसके बाद मनसे कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे पीट दिया। झा ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने महिलाओं से शौचालय उपयोग के लिए कोई पैसा नहीं लिया था। पीड़ित की शिकायत के आधार पर वजीराबाद पुलिस ने MNS के पाँच पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जाँच में सामने आया कि MNS कार्यकर्ताओं ने शौचालय में 5 रुपये शुल्क लेने पर सवाल उठाया था, और बहस के दौरान जब अमरेश झा ने कथित रूप से चुनौती देते हुए कहा, 'मराठी नहीं बोलूंगा, जो करना है कर लो,' तो उसके बाद मामला हिंसक हो गया।
पहले भी सामने आ चुकी हैं ऐसी घटनाएँ
यह पहली बार नहीं है जब हिंदी और मराठी को लेकर राज्य में विवाद हुआ है। इससे पहले भी मराठी को लेकर मुंबई के कई इलाकों में दुकानदारों के साथ मारपीट की घटनाएँ सामने आई हैं। इस घटना के बाद महाराष्ट्र में रहने वाले उत्तर भारतीय लोगों में भारी नाराजगी है।