मुस्लिम या हिंदू महिलाएं, कौन करती है ज्यादा बच्चे पैदा? जानें हिंदुओं का फर्टिलिटी रेट कितना?

punjabkesari.in Friday, Sep 19, 2025 - 03:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत में जनसंख्या वृद्धि पर अक्सर धर्म आधारित बहस होती रहती है लेकिन राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के आधिकारिक आंकड़े एक अलग ही तस्वीर पेश करते हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि मुस्लिम महिलाओं में प्रजनन दर तेजी से गिरी है और अब यह हिंदुओं के प्रजनन दर से बहुत कम अंतर पर है।

आंकड़े क्या कहते हैं?

NFHS-5 (2019-21) के अनुसार भारत में:

मुस्लिम महिलाओं की कुल प्रजनन दर (TFR): 2.3 बच्चे प्रति महिला।

हिंदू महिलाओं की कुल प्रजनन दर (TFR): 1.94 बच्चे प्रति महिला।

इसका मतलब है कि दोनों समुदायों के बीच का अंतर केवल 0.36 बच्चे है।

समय के साथ कितना बदला है TFR?

अगर हम पिछले तीन दशकों के आंकड़ों को देखें तो यह अंतर और भी स्पष्ट हो जाता है:

 

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इस तालिका से साफ है कि 1992 से 2019 के बीच मुस्लिम महिलाओं की TFR में 47% की कमी आई है जबकि इसी अवधि में हिंदू महिलाओं की TFR में 41% की गिरावट देखी गई है।

गिरावट का कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव के पीछे कई बड़े कारण हैं:

शिक्षा का प्रसार: शिक्षा ने लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक बनाया है।

शहरीकरण: शहरों में रहने वाले लोग छोटे परिवार पसंद करते हैं।

महिलाओं की भागीदारी: महिलाओं की शिक्षा और रोजगार में बढ़ती भागीदारी से भी जन्म दर में कमी आई है।

स्वास्थ्य सेवाएं: बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच ने भी परिवार नियोजन को आसान बनाया है।

यह भी दिलचस्प है कि जिन राज्यों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ बेहतर हैं (जैसे केरल और तमिलनाडु), वहां सभी समुदायों में जन्म दर में भारी गिरावट आई है। यह साबित करता है कि धार्मिक पहचान से ज्यादा शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक कारक प्रजनन दर को प्रभावित करते हैं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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