शॉपिंग मॉल बनाने के लिए ''1 रुपए'' में मिलेगी जमीन, ममता सरकार का बड़ा ऐलान, बस इन शर्तों को करना होगा पूरा
punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 02:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा ऐलान किया है। सीएम का यह ऐलान खासतौर पर बिजनेसमैन और महिलाओं को ध्यान में रखकर किया गया है। सरकार ने राज्य के हर जिले में एक शॉपिंग मॉल बनाने की घोषणा की है, जिसके लिए जमीन केवल 1 रुपये में दी जाएगी। ममता सरकार ने इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी रखी हैं। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा अलीपुर में 'शिल्पान' के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान की।
ममता सरकार का महत्वाकांक्षी '1 रुपये में जमीन' का ऐलान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से यह महत्वाकांक्षी ऐलान किया है। उन्होंने अलीपुर में 'शिल्पान' के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान कहा, "जिले के हेडक्वार्टर में शॉपिंग मॉल बनाएंगे। उसके लिए जमीन हम एक रुपये में देंगे।" उन्होंने आगे स्पष्ट किया, "आप चाहे जैसे भी बनाएं, जो भी बनाएं 8 मंजिला हमें फर्क नहीं पड़ता।" इस योजना का लक्ष्य निवेश को आकर्षित करना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करना है।
सरकार ने रखी हैं खास शर्तें
सीएम ममता ने अपनी इस योजना के लिए कुछ शर्तें भी बताईं, जो योजना के सामाजिक और आर्थिक लक्ष्यों को दर्शाती हैं-
- सरकारी हिस्सेदारी: जो भी बिल्डर या संस्था मॉल बनाएगी, उसे मॉल में दो मंजिलें राज्य सरकार के लिए आरक्षित करनी होंगी।
- महिला सशक्तिकरण पर जोर: मॉल में दो फ्लोर महिला स्वयं-सहायता समूहों के लिए छोड़ने होंगे। इसका उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है, ताकि वे अपने हैंडीक्राफ्ट, स्थानीय उत्पाद और अन्य सामान बेच सकें। ममता बनर्जी ने इस पर जोर देते हुए कहा, "मेरे स्वनिर्भर महिला समूहों के लिए वो दो फ्लोर चाहिए, बाकी जगह पर आप सिनेमा हॉल बनाइए, कैफे खोलिए, जो मन हो वो कीजिए।"
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2026 विधानसभा चुनाव पर नज़र
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव अप्रैल-मार्च 2026 में होने हैं। राज्य में कुल 294 सीटें हैं और तृणमूल कांग्रेस (TMC), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है। ममता बनर्जी का यह ऐलान आगामी चुनावों से पहले एक बड़ा चुनावी दांव माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य व्यापारियों और महिला स्वयं-सहायता समूहों को अपनी ओर आकर्षित करना है।