Hymenoplasty: सुहागरात से पहले लड़कियां कर रही हैं ये खतरनाक काम, सच्चाई जानकर उड़ जाएंगे होश
punjabkesari.in Saturday, Sep 14, 2024 - 07:50 AM (IST)
नेशनल डेस्क: सुहागरात से पहले लड़कियों में एक नया ही शौक पैदा हो रहा है वह फेस सर्जरी की तरह अब हाइमेनोप्लास्टी करवा रही है। बता दें कि हाइमेनोप्लास्टी, जिसे "कौमार्य पुनःस्थापना सर्जरी" भी कहा जाता है, एक शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं के हाइमन को पुनर्स्थापित किया जाता है। हाइमन एक पतली झिल्ली होती है जो योनि के प्रवेश द्वार पर स्थित होती है। इसे पारंपरिक रूप से "कौमार्य" से जोड़ा जाता है, हालांकि यह वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है। यह झिल्ली केवल संभोग से नहीं, बल्कि खेल-कूद या अन्य शारीरिक गतिविधियों के कारण भी टूट सकती है।
हाइमेनोप्लास्टी कराने के कारण
इस सर्जरी के पीछे मुख्य कारण सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। विशेषकर एशियाई देशों और भारतीय उपमहाद्वीप में, विवाह से पहले "कौमार्य" को लेकर गहरी मान्यताएं हैं। सामाजिक दबाव के चलते महिलाएं यह सर्जरी करवा रही हैं ताकि शादी के समय उनके "सम्मान" और "पवित्रता" को सुरक्षित माना जाए। इसके अलावा, कुछ महिलाएं व्यक्तिगत कारणों जैसे आत्म-सम्मान बढ़ाने या पिछले आघात से उबरने के लिए भी हाइमेनोप्लास्टी का सहारा लेती हैं। कुछ चिकित्सीय कारणों से भी यह सर्जरी आवश्यक हो सकती है।
इन उम्र की महिलाएं करा रही हैं हाइमेनोप्लास्टी
20 से 30 साल की उम्र की महिलाओं के बीच इस सर्जरी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे कई कारण हैं:
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सांस्कृतिक दबाव: भारतीय समाज में शादी से पहले "कौमार्य" को लेकर गहरी मान्यताएं हैं। महिलाएं शादी से पहले अपने परिवार और भावी जीवनसाथी के सामने खुद को "वर्जिन" साबित करने का दबाव महसूस करती हैं।
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आत्म-सम्मान और सामाजिक छवि: कई महिलाएं मानती हैं कि "कुंवारी" होने से उनके आत्म-सम्मान और समाज में सम्मान में वृद्धि होगी। यह मानसिकता उन्हें हाइमेनोप्लास्टी की ओर धकेलती है।
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मानसिक आघात से उबरना: कुछ महिलाएं यौन हिंसा या आघात के बाद खुद को मानसिक रूप से ठीक करने के लिए यह सर्जरी करवाती हैं, इसे एक नई शुरुआत के रूप में देखती हैं।
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शहरीकरण और वैश्वीकरण: आधुनिक समाज और शहरीकरण के कारण सर्जरी की प्रक्रियाएं अधिक सुलभ हो गई हैं। निजी जीवन में जागरूकता और विकल्पों की बढ़ती उपलब्धता के चलते महिलाएं हाइमेनोप्लास्टी का विकल्प चुन रही हैं।
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सोशल मीडिया का प्रभाव: सोशल मीडिया और इंटरनेट ने इस सर्जरी के बारे में जागरूकता फैलाई है। महिलाएं अपने अनुभव और चुनौतियां साझा करती हैं, जिससे अन्य महिलाओं को भी इसे अपनाने की प्रेरणा मिलती है।