'सोते हुए देश को जगाने की कीमत चुकानी पड़ रही', इमरजेंसी की रिलीज टलने पर भड़की कंगना रनौत

punjabkesari.in Wednesday, Sep 04, 2024 - 05:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट देने से इनकार करने के बाद एक्ट्रेस ने नाराजगी जाहिर की है। कंगना का कहना है कि वह "हर किसी की पसंदीदा निशाना" बन गई हैं और देश को जागरूक करने के लिए उन्हें यह कीमत चुकानी पड़ रही है।

'सोते हुए देश को जगाने की कीमत चुकानी पड़ रही'
एक्स पर एक पोस्ट में, कंगना ने बुधवार को कहा, "आज मैं हर किसी की पसंदीदा टारगेट बन गई हूं, इस सोते हुए देश को जगाने के लिए आपको यही कीमत चुकानी होगी, वे नहीं जानते कि मैं किस बारे में बात कर रही हूं, उन्हें कोई अंदाजा नहीं है कि मैं इतनी चिंतित क्यों हूं, क्योंकि वे शांति चाहते हैं, वे पक्ष नहीं लेना चाहते। वे शांत हैं, आप जानते हैं कि ठंडे हैं!! हा हा काश सीमा पर उस गरीब सैनिक को भी शांत रहने का वही विशेषाधिकार मिलता, काश उसे पक्ष लेने की जरूरत न होती, और पाकिस्तानियों/चीनियों को अपना दुश्मन मानता। वह आपकी रक्षा कर रहा है जबकि आप आतंकवादियों या देशद्रोहियों पर वासना कर सकते हैं।"

उन्होंने कहा,  "काश वह युवती जिसका अपराध केवल इतना था कि वह सड़क पर अकेली थी और उसके साथ बलात्कार किया गया, वह शायद एक सज्जन और दयालु व्यक्ति थी जो मानवता से प्यार करती थी, लेकिन क्या उसकी मानवता का बदला चुकाया गया? काश सभी लुटेरों और अपराधियों को भी इस शांत और सोई हुई पीढ़ी की तरह ही प्यार और स्नेह मिलता, लेकिन जीवन की सच्चाई कुछ और ही है। चिंता मत करो वे तुम्हारे लिए आ रहे हैं अगर हममें से कुछ लोग भी तुम्हारी तरह शांत हो गए तो वे तुम्हें पकड़ लेंगे और तब तुम्हें अनकूल लोगों का महत्व पता चलेगा।" 

19 सितंबर को होगी अगली सुनवाई 
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने में असमर्थ है, क्योंकि यह मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश का खंडन करेगा।  न्यायालय ने सीबीएफसी को 18 सितंबर तक निर्णय लेने को भी कहा है। मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को निर्धारित की गई है।
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बॉम्बे हाईकोर्ट का खटखटाया था दरवाजा 
'इमरजेंसी' की सह-निर्माता कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म की रिलीज और सेंसर सर्टिफिकेट की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई, जिसमें दावा किया गया कि सेंसर बोर्ड ने मनमाने ढंग से और अवैध रूप से फिल्म का सेंसर प्रमाणपत्र रोक रखा है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सीबीएफसी को सिख समूहों द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर विचार करने का निर्देश दिया था, जिन्होंने उसके समक्ष याचिका दायर की थी।

 


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Content Editor

rajesh kumar

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