महाकालेश्वर में पूजा अर्चना से हमारा कोई लेना-देना नहीं- सुप्रीम कोर्ट

Thursday, Apr 05, 2018 - 08:10 PM (IST)

नेशनल डेस्कः उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में किस तरह पूजा अर्चना को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह हमारा काम नहीं कि पूजा अर्चना किस तरह होनी चाहिए। अदालत सिर्फ शिवलिंग को सुरक्षित रखने को लेकर चिंतित है। कोर्ट ने कहा कि भस्म आरती भस्म आरती कैसे हो, यह हम तय नहीं करेंगे और मंदिर की पूजा पद्धति से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। अदालत महाकालेश्वर शिवलिंग को सुरक्षित और रखरखाव के लिए दिशा निर्देश जारी कर सकती है।

बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन समिति को तत्काल नोटिस बोर्ड हटाने को कहा था, जिस पर लिखा था कि कोर्ट ने निर्देशानुसार पूजा के नियम बताए गए हैं। अदालत ने यहा कि उसने कभी ऐसा आदेश नहीं दिया है कि धार्मिक अनुष्ठान कैसे हों और भस्म आरती किस तरह की जाए। कोर्ट से साफ किया कि उसका मंदिर और पूजा अर्चना की रीति रिवाजों से कोई मतलब नहीं है। अदालत ने यह फैसला केवल शिवलिंग को सुरक्षित रखने के लिए सुनाया है और इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति भी बनाई गई है, जिसकी रिपोर्ट के अनुसार मंदिर प्रबंधन समिति ने यह प्रस्ताव दिया था।

अक्टूबर में अदालत ने सुनाया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष अक्टूबर में आदेश दिया तआ कि आरओ के पानी से महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक किया जाना चाहिए। वहीं इससे पहले फैसला होना थआ कि अभिषेक के लिए पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर और घी) से अभिषेक हो या नहीं और अगर हो तो कितनी मात्रा में हो। उल्लेखनीय है कि शिवलिंग के घटते आकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद एएसआई की कमेटी जांच के लिए गई थी। 

Yaspal

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