''हम सरकार के खिलाफ नहीं, दो भाजपा नेताओं ने दिलाई धरने की अनुमति'', साक्षी मलिक और उनके पति ने खोले कई राज

punjabkesari.in Saturday, Jun 17, 2023 - 07:12 PM (IST)

नई दिल्लीः ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और उनके पहलवान पति सत्यव्रत कादियान ने शनिवार को जोर देते हुए कहा कि उनका विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है और उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद वे वर्षों तक चुप रहे क्योंकि इससे पहले कुश्ती जगह एकजुट नहीं था। ट्विटर पर पोस्ट वीडियो में कादियान ने कहा कि उनके विरोध को लेकर झूठी कहानी तैयार की गई है और वह चीजों को साफ करना चाहते हैं।

साक्षी, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है।

भाजपा नेताओं ने दी धरने दी सलाह
कांग्रेस की प्रियंका गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक सहित विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेता धरना स्थल पहुंचे थे और पहलवानों का समर्थन किया था जिन्हें 28 मई को जंतर-मंतर से हटा दिया गया। कादियान ने कहा कि उनके प्रदर्शन को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है।

कादियान ने कहा, ‘‘मैं आपको स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है। हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और पुलिस से इजाजत भाजपा के दो नेताओं ने ली थी।'' उन्होंने इस दौरान साक्षी को प्रदर्शन की स्वीकृति मांगने वाला पत्र दिखाने को कहा। यह पत्र पूर्व पहलवान बबीता फोगाट और तीरथ राणा ने लिखा था जो भाजपा से जुड़े हैं।

WFI प्रमुख के खिलाफ है, सरकार के खिलाफ नहीं
कादियान ने कहा, ‘‘यह (प्रदर्शन) कांग्रेस समर्थित नहीं है। (कुश्ती जगत में) 90 प्रतिशत से अधिक लोग जानते हें कि पिछले 10 से 12 साल से यह (उत्पीड़न और डराना) हो रहा है। कुछ लोगों ने आवाज उठाने की कोशिश की लेकिन कुश्ती जगत एकजुट नहीं था।'' हैवीवेट वर्ग में चुनौती पेश करने वाले कादियान ने दोहराया कि उनकी लड़ाई डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ है, सरकार के खिलाफ नहीं।

साक्षी ने कहा कि वे इतने वर्षों से चुप थे क्योंकि पहलवान एकजुट नहीं थे। रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता ने कहा, ‘‘आपने देखा कि नाबालिग अपने बयान से पीछे हट गई है। उसके परिवार को डराया गया है। ये पहलवान गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। ताकतवर व्यक्ति के खिलाफ साहस जुटाना आसान नहीं है।''

पुलिस की कार्रवाई ने हमें तोड़ दिया
कादियान ने कहा कि 28 मई को पुलिस की निर्दयता ने उन्हें तोड़ दिया है। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और धक्का देकर बसों में बैठा जिसकी चौतरफा आलोचना हुई। पहलवानों पर कानून और व्यवस्था के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था क्योंकि वे बिना स्वीकृति के नए संसद भवन की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे थे।

कादियान ने कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट कर दूं कि ‘महिला सम्मान महापंचायत' खाप नेताओं ने बुलाई थी और हमने उनके आदेश का पालन किया और पुलिस की बर्बरता का सामना किया। इससे हम टूट गए।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने देश के लिए इतने सारे पदक जीते और हमारी गरिमा को कुचला जा रहा था। मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि हम किस दौर से गुजरे।''

मेडल विसर्जित करने से हो सकती थी हिंसा
कादियान ने कहा, ‘‘हमने तब (हरिद्वार) में पदक विसर्जित करने का फैसला किया, लेकिन तंत्र (व्यवस्था) के एक व्यक्ति ने बजरंग की बांह पकड़ ली और उसे एक कोने में ले गया और उसे कई (प्रभावशाली) लोगों से बात करने के लिए मजबूर किया।'' उन्होंने कहा,‘‘अगर हमने ऐसा किया होता (पदक विसर्जित करना) तो हिंसा हो सकती थी। इसलिए हमने प्रशिक्षकों और माता-पिता को पदक दिए।''

कादियान ने कहा, ‘‘उस घटना के बाद, हमें नहीं पता था कि हमारी तरफ कौन था, कौन व्यवस्था का हिस्सा था। हम बहुत से लोगों से मिले लेकिन यह नहीं पता था कि किस पर भरोसा किया जाए। हमें गृह मंत्री से मिलने की सलाह दी गई थी, हमें बताया गया था कि हमें वहां से समाधान मिलेगा इसलिए हमने अपना दृष्टिकोण रखा।'' उन्होंने खापों से भी अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की जिनके बारे में उनका मानना है कि वे उनसे नाराज हैं।

जब हम एकजुट नहीं होते हैं तो तंत्र फायदा उठाता है
कादियान ने कहा, ‘‘अगर हमने कुछ गलत किया है तो हम माफी मांगते हैं।'' कादियान ने 11 मिनट के लंबे वीडियो के अंत में कहा, ‘‘जब हम एकजुट नहीं होते हैं तो तंत्र फायदा उठाता है। अगर आप किसी भी तरह के अन्याय का सामना कर रहे हैं तो अपनी आवाज उठाएं और एकजुट रहें।'' पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ पीछा करने और यौन उत्पीड़न के अपराधों के तहत आरोप पत्र दायर किया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Related News