VIVO का मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं, देश की आर्थिक प्रणाली को अस्थिर करने का प्रयास हैः ED

punjabkesari.in Monday, Jul 25, 2022 - 10:32 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि चीन की स्मार्टफोन कंपनी वीवो का मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं है, बल्कि यह देश की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने और राष्ट्र की अखंडता तथा संप्रभुता पर भी खतरा पैदा करने का प्रयास है। जांच एजेंसी ने अदालत के समक्ष एक हलफनामे में दावा किया कि ईडी द्वारा जब्त वीवो के बैंक खातों से पता चलता है कि कंपनी धन शोधन (मनी लांड्रिंग) में शामिल है। 

ईडी ने आरोप लगाया कि कंपनी ‘धन शोधन' के अपराध में शामिल है जो एक जघन्य आर्थिक अपराध है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के निर्देशों के अनुसरण में दायर हलफनामे में ईडी की तरफ से यह दावा किया गया है। न्यायालय ने वीवो की एक याचिका पर ईडी से इस संबंध में जवाब मांगा था। इस याचिका में धन शोधन जांच के संबंध में कंपनी के विभिन्न बैंक खातों को कुर्क करने के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी। इस मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। 

जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘वीवो के जब्त किए गए बैंक खाते स्पष्ट रूप से दर्शाते है कि कंपनी धन शोधन में शामिल है।'' ईडी ने एक हलफनामे में कहा, ‘‘यह केवल आर्थिक अपराध का मामला नहीं है। इसे देश की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने और राष्ट्र की अखंडता तथा संप्रभुता को भी खतरा पैदा करने के प्रयास के रूप में अंजाम दिया गया है।'' 

जांच एजेंसी ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 17 के तहत बैंक खातों की तलाशी और जब्ती या कुर्क करने से पहले कोई नोटिस या सूचना देने की आवश्यकता नहीं है। गौरतलब है कि ईडी ने पांच जुलाई को वीवो और उससे संबंधित कंपनियों के खिलाफ धन शोधन जांच के सिलसिले में देशभर में कई स्थानों पर छापेमारी की थी। 


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Content Writer

Pardeep

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