विनेश और बजरंग पुनिया की राजनीति में एंट्री, थामा कांग्रेस का हाथ, विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज
punjabkesari.in Friday, Sep 06, 2024 - 05:49 PM (IST)
नई दिल्लीः पिछले कुछ दिनों से जारी कयासों को विराम देते हुए ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को कांग्रेस का ‘हाथ' थाम लिया। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले सामने आए इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बाद दोनों पहलवानों का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि इसका फैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति करेगी। पार्टी महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल, पार्टी के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सूरजभान, प्रवक्ता पवन खेड़ा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में दोनों पहलवान कांग्रेस में शामिल हो गए।
वेणुगोपाल ने दावा किया कि बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद रेलवे ने फोगाट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि नोटिस में राजनीतिक नेताओं से मिलकर सेवा नियमों का उल्लंघन करने की बात कही गई है। वेणुगोपाल ने पूछा कि क्या विपक्ष के नेता से मिलना अपराध है? साथ ही उन्होंने रेलवे अधिकारियों से फोगाट को कार्यमुक्त करने और ‘राजनीति नहीं करने' का अनुरोध किया। यह पूछे जाने पर कि क्या फोगाट और पूनिया विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति इस पर निर्णय करेगी। कांग्रेस में शामिल होने से पहले फोगाट और पूनिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की।
भाजपा को छोड़कर सभी दल हमारे साथ खड़े थे
पार्टी में शामिल होने के बाद फोगाट ने कहा कि भाजपा, बृजभूषण शरण सिंह का समर्थन कर रही है जबकि कांग्रेस ने प्रदर्शनकारी पहलवानों का साथ दिया और वह भी तब जब उन्हें दिल्ली में सड़कों पर घसीटा जा रहा था। पूनिया और फोगाट 2023 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं देश के लोगों और मीडिया को धन्यवाद देती हूं, आपने मेरी कुश्ती यात्रा के दौरान मेरा समर्थन किया। मैं कांग्रेस पार्टी को धन्यवाद देना चाहती हूं। कहा जाता है कि बुरे समय में पता चलता है कि कौन अपना है। जब हमें सड़कों पर घसीटा जा रहा था, भाजपा को छोड़कर सभी दल हमारे साथ खड़े थे।'' उन्होंने कहा, ‘‘आप (कांग्रेस) हमारे दर्द और आंसुओं को समझ पा रहे थे। मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसी विचारधारा से जुड़ी हूं, जो महिलाओं पर हो रहे अन्याय के खिलाफ खड़ी है और सड़क से संसद तक उनके हक की लड़ाई लड़ने को तैयार है।'' उन्होंने कहा कि वह न तो डरने वाली हैं और न ही पीछे हटने वाली हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मामला अदालत में है और हम वहां भी जीतेंगे।''
दुर्भाग्य से भगवान की कुछ और ही मर्जी थी
फोगाट ने कहा, ‘‘मैं जंतर-मंतर पर कुश्ती छोड़ सकती थी क्योंकि भाजपा का आईटी सेल प्रचार कर रहा था कि हम फुंके कारतूस हैं। उन्होंने कहा कि मैं नेशनल में नहीं खेलना चाहती थी, लेकिन मैंने खेला। उन्होंने कहा कि मैं ट्रायल में भाग नहीं लेना चाहती, लेकिन मैंने लिया... उन्होंने कहा कि मैं ओलंपिक में नहीं जा सकती, लेकिन मैं गई ...पर दुर्भाग्य से भगवान की कुछ और ही मर्जी थी।'' उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहती हैं कि जिन परिस्थितियों का उन्हें सामना करना पड़ा, वह दूसरे खिलाड़ियों को करना पड़े। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने देश के लोगों की सेवा करने का मौका दिया गया है, यह एक नई पारी है। एक खिलाड़ी के रूप में हमने जो कुछ झेला, मैं नहीं चाहूंगी कि कोई अन्य खिलाड़ी इससे गुजरे।''
वेणुगोपाल ने कहा कि आज का दिन कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है और फोगाट और पूनिया का पार्टी में स्वागत करना हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और कांग्रेस के अन्य नेताओं द्वारा महिला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि जब उन्होंने (पहलवानों ने) विरोध किया तो पूरा देश उनके साथ खड़ा था। वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘वे (फोगाट और पूनिया) न केवल अपने लिए खड़े हुए, बल्कि किसानों के लिए लड़े और उनके साथ खड़े रहे।'' वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘कुछ लोग उनके कांग्रेस में शामिल होने की आलोचना कर रहे हैं। इतने सारे एथलीट और ओलंपियन अलग-अलग पार्टियों में हैं, तो इसमें भी कोई षडयंत्र था क्या?''
सूत्रों ने बताया कि फोगाट और पूनिया या इनमें से कोई एक कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ेगा। फोगाट ने शुक्रवार को निजी कारणों का हवाला देते हुए भारतीय रेलवे से इस्तीफा दे दिया। पूनिया तोक्यो ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता हैं, जबकि फोगाट ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान हैं। हालांकि, उन्हें 50 किलोग्राम भार वर्ग में लगभग 100 ग्राम वजन अधिक पाए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। बाद में उन्होंने खेल से संन्यास की घोषणा की। हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिये 5 अक्टूबर को मतदान होगा और मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।