रेल हादसे से बाल-बाल बची वंदे भारत, गेटमैन की सतर्कता से टला बड़ा हादसा
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 01:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत की सबसे चर्चित और हाईटेक ट्रेनों में शुमार वंदे भारत एक्सप्रेस से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। धारवाड़ से बेंगलुरु जा रही देश की प्रतिष्ठित वंदे भारत एक्सप्रेस उस वक्त सुर्खियों में आ गई, जब उसे अचानक बीच रास्ते में रोकना पड़ा। शुक्रवार दोपहर करीब 3:30 बजे की यह घटना दावणगेरे स्टेशन के पास हुई, जिसने सभी को हैरान कर दिया।
गेटमैन की सतर्कता ने बचाई सैकड़ों जान
दरअसल, जब ट्रेन अमरावती कॉलोनी के पास से गुजर रही थी, तभी वहाँ तैनात एक लेवल क्रॉसिंग गेटमैन की नजर वंदे भारत के C4 कोच पर पड़ी। उन्होंने तत्काल असामान्य तापमान या संरचनात्मक बदलाव की सूचना दी, जिसे बाद में 'हॉट एक्सल' (गर्म एक्सल) की समस्या के रूप में पहचाना गया। रेलवे अधिकारियों को जैसे ही इस संभावित खतरे का संकेत मिला, उन्होंने बिना देर किए ट्रेन को रुकवाने का निर्देश दिया। यदि इस 'हॉट एक्सल' की समस्या को समय रहते न पकड़ा जाता, तो यह एक बड़े हादसे का कारण बन सकती थी। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तुरंत कदम उठाए।
यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था और रिफंड
ट्रेन में सवार सभी 502 यात्रियों के लिए रेलवे ने तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की। यात्रियों को दो अन्य ट्रेनों - जन शताब्दी एक्सप्रेस (12080) और जोधपुर एक्सप्रेस (16507) के माध्यम से बेंगलुरु भेजा गया। यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखते हुए, अर्सिकेरे स्टेशन पर उन्हें भोजन और स्नैक्स भी उपलब्ध कराए गए। बेंगलुरु के KSR स्टेशन और यशवंतपुर स्टेशन पर यात्रियों की समस्याओं के समाधान के लिए हेल्प डेस्क भी स्थापित किए गए थे। दक्षिण पश्चिम रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन यात्रियों को वैकल्पिक ट्रेनों से भेजा गया है, उनके किराए का अतिरिक्त हिस्सा बेंगलुरु पहुँचने के बाद वापस कर दिया जाएगा।
रेलवे ने इस अप्रत्याशित घटना के लिए यात्रियों से खेद व्यक्त किया है और उनके सहयोग की सराहना की है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और समय रहते तकनीकी खामी का पता लगने से किसी बड़ी दुर्घटना को टाला जा सका। यह घटना भारतीय रेलवे की सतर्कता और अत्याधुनिक ट्रेनों में भी संभावित तकनीकी खामियों के बावजूद त्वरित प्रतिक्रिया की मिसाल पेश करती है, जिससे यात्रियों का रेलवे पर भरोसा बना रहता है।