शताब्दी को पीछे छोड़ रही वंदे भारत, रेलवे ने जारी किया नया फरमान 1 सितंबर से दिखेगा असर
punjabkesari.in Thursday, Jul 10, 2025 - 07:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क : देशभर में वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत के बाद पारंपरिक प्रीमियम ट्रेनों पर इसका प्रभाव साफ नजर आने लगा है। खासकर धनबाद-हावड़ा रूट पर इसका असर अब शताब्दी एक्सप्रेस पर भी दिखने लगा है। यात्रियों की घटती संख्या को देखते हुए रेलवे ने शताब्दी एक्सप्रेस से दो एसी चेयर कार कोच कम करने का फैसला लिया है।
1 सितंबर से लागू होगा बदलाव
रेलवे के अनुसार, 1 सितंबर 2025 से शताब्दी एक्सप्रेस पांच एसी चेयर कार के साथ चलेगी, जबकि अभी तक यह ट्रेन सात कोचों के साथ संचालित होती थी। रेलवे के पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) में भी इस बदलाव को अपडेट कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इससे वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों की संख्या में इजाफा हो सकता है, क्योंकि अब शताब्दी में सीमित सीटें होंगी।
वंदे भारत की खाली सीटें, शताब्दी की घटती मांग
दिलचस्प बात यह है कि वंदे भारत एक्सप्रेस की अधिकांश सीटें खाली रह रही हैं, इसके बावजूद इसकी उपस्थिति ने शताब्दी की सवारी पर गहरा असर डाला है। पहले जहां शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रा के लिए एक महीने पहले कंफर्म टिकट मिलना मुश्किल होता था, वहीं अब इसमें हर दिन बड़ी संख्या में सीटें खाली रह रही हैं।
25 मिनट के अंतर में चलती हैं दोनों ट्रेनें
यह मामला धनबाद और हावड़ा के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस और गया-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस से जुड़ा है। दोनों ट्रेनें 25 मिनट के अंतर में धनबाद स्टेशन से गुजरती हैं। शताब्दी एक्सप्रेस शाम 5:35 बजे पहुंचकर 5:40 बजे रवाना होती है, जबकि वंदे भारत एक्सप्रेस 6:00 बजे आकर 6:02 बजे प्रस्थान करती है। इस छोटी सी खिड़की में दो प्रीमियम ट्रेनों के ऑपरेशन के कारण दोनों ही एक-दूसरे को प्रभावित कर रही हैं।
वंदे भारत के विस्तार की मांग
हालांकि, यात्री वर्ग अब वंदे भारत एक्सप्रेस को वाराणसी तक विस्तारित करने की मांग कर रहा है। इससे न केवल इसकी उपयोगिता बढ़ेगी बल्कि इस रूट पर यात्रियों को और अधिक विकल्प भी मिलेंगे। रेलवे द्वारा किए गए इस बदलाव को यात्रियों की बदलती प्राथमिकताओं और नई तकनीक से लैस वंदे भारत एक्सप्रेस की बढ़ती भूमिका के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।