कोरोना वैक्सीन बनने के बाद भी 2024 से पहले मिलना मुश्किलः पूनावाला

punjabkesari.in Wednesday, Sep 23, 2020 - 09:50 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया में  कोरोना वायरस के मामले  बढ़ते ही जा रहे हैं। हालांकि वैज्ञानिक जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन खोजने में लगे हुए हैं। WHO के मुताबिक, 180 देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं , जिसमें से कई देशों की वैक्सीन ट्रायल के आखिरी स्टेज पर भी है। मगर, इसी बीच एक बुरी खबर सामने आई है।

2024 के अंत तक मिलेगी कोरोना वैक्सीन
दरअसल, कोरोना वैक्सीन तैयार कर रही दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी 'सीरम इंस्टीट्यूट' का कहना है कि लोगों को 2024 तक वैक्सीन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। कंपनी के प्रमुख अदार पूनावाला का कहना है कि  अगर कोरोना वैक्सीन बन भी गई तो  2024 के अंत तक ही लोगों को मिल पाएगी।  पूनावाला ने कहा कि अनुसंधान के बिंदुओं से टीकों को प्राप्त करने और उन्हें रोगियों तक पहुंचाने की मंजूरी देने की कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा जिसमें टीकों का निर्माण और आवश्यक खुराक की खरीद के लिए अरबों डॉलर जुटाना शामिल है। उन्होंने कहा कि कुछ जटिल भौगोलिक परिस्थितियां और देशों में टीकों का वितरण करना भी एक चुनौती है। बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को 2021 तक वैक्सीन बन जाने का आश्वासन दिया था। ऐसे में यह खबर चिंताजनक हो सकती है।

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वैक्सीन बनने के बाद भी लगेंगे 4-5 साल
सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिल्कर वैक्सीन बना रही हैं। इनकी वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण में है इसलिए लोगों को इससे ज्यादा उम्मीदें है। मगर, कंपनी का कहना है कि अगर वैक्सीन बन भी जाती है तो भी सारी आबादी को यह वैक्सीन 2024 के अंत तक ही मिल पाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन के 2 शॉट देने पड़ेंगे। दुनिया की कुल आबादी लगभग 7.5 अरब है और पूरी दुनिया के लिए कम से कम 15 अरब वैक्सीन की जरूरत होगी। ऐसे में पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन बनाने में 4-5 साल का समय लग सकता है।

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 ट्रायल पूरा होने से पहले निष्कर्ष पर पहुंचना गलत
हालांकि अदार पूनावाला का कहना है कि वैक्सीन का ट्रायल पूरा होने से पहले किसी भी नतीजे पर पहुंचना गलत होगा। हाल ही में हुई घटनाएं इस बात का सबूत है कि वैक्सीन के लिए किसी भी तरह की जल्दबाजी सही नहीं है। ऐसे में हर किसी को वैक्सीन के प्रोसेस का सम्मान करना चाहिए। बता दें कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई वैक्सीन का ट्रायल भारतीय मरीजों पर किया जा रहा है। मगर, AstraZeneca  कंपनी की दवा की वजह से एक व्यक्ति की तबीयत खराब हो गई, जिसकी वजह से फिलहाल ट्रायल को रोक दिया गया था और वैक्सीन की दोबारा जांच की जा रही है। हालांकि खबरें आ रही हैं कि ब्रिटेन में वैक्सीन का ट्रायल फिर से शुरू कर दिया गया है।

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Tanuja

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