धराली गांव में बादल फटने से मचा हाहाकार, जानें क्यों उत्तराखंड में बार-बार होती है ये घटना, कहां-कहां इसका खतरा ज्यादा
punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 05:56 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां धराली क्षेत्र में मंगलवार रात बादल फटने की बड़ी घटना हुई, जिसमें 12 लोग मलबे में दब गए, जबकि करीब 60 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे कुछ ही सेकंड में तबाही मच गई। लोग घबराए हुए हैं, चीख-पुकार मची है और कई लोग वहां से भागने की कोशिश करते दिख रहे हैं। फिलहाल मौके पर बचाव अभियान जारी है और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
क्या होता है बादल फटना?
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, जब किसी बेहद सीमित क्षेत्र में एक घंटे के भीतर 10 सेंटीमीटर या उससे अधिक की बारिश होती है, तो इसे बादल फटना (Cloudburst) कहा जाता है। इस दौरान अचानक तेज बारिश होती है और क्षेत्र विशेष में भारी तबाही मच सकती है।
यह घटनाएं खास तौर पर दो परिस्थितियों में होती हैं:
भौगोलिक स्थिति – जैसे पहाड़ी इलाकों में
मौसम की स्थिति – जब नमी से भरी हवाएं अचानक ऊपर की ओर उठती हैं
जब मानसूनी या नमी युक्त हवाएं पहाड़ों से टकराती हैं, तो वे तेजी से ऊपर उठती हैं और ठंडी होकर भारी बारिश में बदल जाती हैं। ऐसे में बारिश इतनी तेज होती है कि जमीन पर पानी के निकास का समय ही नहीं मिल पाता और बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है।
उत्तराखंड और हिमाचल में सबसे ज्यादा खतरा क्यों?
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मानसून के दौरान अक्सर बादल फटने की घटनाएं सामने आती हैं। इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं:
इन राज्यों में घाटियां बेहद संकरी होती हैं, जिससे बादल फंस जाते हैं और आगे नहीं बढ़ पाते।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएं हिमालय से टकराकर ऊपर उठती हैं, जिससे भारी बारिश होती है।
ऊंचाई पर तापमान कम होने से संघनन तेजी से होता है और वर्षा की तीव्रता बढ़ जाती है।
कहां-कहां है बादल फटने का सबसे ज्यादा खतरा?
भारत में बादल फटने की घटनाएं मुख्य रूप से हिमालयी और पश्चिमी घाट क्षेत्रों में होती हैं। इनमें शामिल हैं:
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
हिमाचल प्रदेश
उत्तराखंड
सिक्किम
अरुणाचल प्रदेश
वहीं केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी पश्चिमी घाट की वजह से खतरा बना रहता है, हालांकि वहां तीव्रता अपेक्षाकृत कम होती है।
कब होती हैं सबसे ज्यादा घटनाएं?
बादल फटने की घटनाएं मानसून और प्री-मानसून सीजन में ज्यादा देखने को मिलती हैं। ये आमतौर पर मई से अगस्त के बीच होती हैं, जब हवा में नमी का स्तर काफी ज्यादा होता है।