उत्तराखंड में कुदरत ने फिर मचाही तबाही, लोगों को याद आया 2013 का वो भयावह मंजर

punjabkesari.in Sunday, Feb 07, 2021 - 03:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड में एक बार फिर से कुदरत का कहर देखने को मिला है। चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से राज्य में भारी तबाही देखने को मिल रही है। इस तबाही ने लोगों को 2013 में केदारनाथ में आई बाढ़ की याद दिला दी। उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक विकराल बाढ़ आ गई। राज्य के आपदा मोचन बल की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करनेवाले 150 से अधिक कामगार संभवत: इस प्राकृतिक आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं।

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उत्तराखंड पुलिस और राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से शांत रहने और अपना और अपनों का ध्यान रखने की अपील की है। देव भूमि उत्तराखंड पहली बार ऐसी आपदा का सामना नहीं कर रही है। इससे पहले साल 2013 में हुई तबाही ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया हो हिला कर रख दिया था। हालांकि अब केदारनाथ में मोदी सरकार के काफी विकास करवाया है। 

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2013 का दिल दहलाने वाला मंजर
साल 2013 के जून के महीने में भारी बारिश के चलते बाढ़ आ गई थी जिससे कुदरत की विनाशकारी लीला देखने को मिली थी। रुद्रप्रयाग से लेकर केदारनाथ तक ऐसी तबाही फैली थी कि जब तस्वीरें सामने आई तो हर कोई दहल गया था। कई लोग अपनों से बिछड़ गए थे। मंजर ऐसा था कि लोगों को अपनों के शव तक देखने को नसीब नहीं हुए थे। 16 और 17 जून, 2013 में केदारनाथ में आई आपदा में कई लोगों की जान चली गई थी। मंदाकिनी और अतिवृष्टि में अचानक बाढ़ आने से हजारों श्रद्धालु सोनप्रयाग में फंस गए थे। पुल टूट गए थे औऱ सड़कें तक क्षतिग्रस्त हो गई थीं। इस आपदा से निकल पाना लोगों के लिए मुश्किल हो गया था। कई लोग तो पहाड़ों पर फंस गए थे।

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एयरफोर्स ने तब रेस्क्यू करके कई लोगों को बचाया था। इस संकट की घड़ी में पूरा देश एक हो गया था। देशभर से खाने का सामान और अन्य जरूर चीजें, दवा आदि केदारनाथ पहुंचाई जाती थी। केदारनाथ की आपदा विदेशी मीडिया के भी कवर पेज पर थी। आईटीबीपी के जवानों ने दिन-रात एक करके पीड़ितों की मदद की थी और विदेशों में भी उनकी कार्यनिष्ठा की प्रशंसा हुई थी। साल 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार आई तो केदारनाथ के विकास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। 

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Content Writer

Seema Sharma

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