USCIRF ने फिर साधा भारत पर निशाना, धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर उठाए सवाल, दोहराई पुरानी मांग

punjabkesari.in Tuesday, Apr 26, 2022 - 11:03 AM (IST)

न्यूयार्कः अमेरिकी आयोग यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने  अपनी  वार्षिक रिपोर्ट   में एक बार फिर भारत पर निशाना साधा और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर सवाल उठाए हैं।  USCIRF  ने  अपनी पुरानी मांग को दोहराते हुए बाइडेन प्रशासन से भारत को  'विशेष चिंता वाले देश' में शामिल करने की सिफारिश की। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट में भारत को नीचा दिखाने के लिए इस्लामोफोबिया, फासीवाद, नरसंहार जैसे मुद्दों को लेकर डिसइन्फोलैब द्वारा  ब्लीड इंडिया के लिए तैयार की गई 50 साल पुरानी योजना का खुलासा किया गया है।

 

अमेरिकी कांग्रेस द्वारा गठित  इस अर्ध-न्यायिक निकाय ने सोमवार को बाइडेन प्रशासन से भारत, चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और 11 अन्य देशों को धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति के संदर्भ में 'विशेष चिंता वाले देश' में शामिल करने की सिफारिश की। USCIRF ने कहा, '2021 में, भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति काफी खराब हुई। वर्ष के दौरान, भारत सरकार ने नीतियों के प्रचार और प्रवर्तन को बढ़ाया । इनमें हिंदू-राष्ट्रवादी एजेंडे को बढ़ावा देना शामिल है  जिसने मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।'

 

उसने कहा, 'सरकार ने मौजूदा और नये कानूनों और देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति शत्रुतापूर्ण संरचनात्मक परिवर्तनों के उपयोग के माध्यम से राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर एक हिंदू राष्ट्र की अपनी वैचारिक दृष्टि को व्यवस्थित करना जारी रखा।' हालांकि भारत  पहले ही कह चुका है कि अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी निकाय ने केवल उस मामले पर अपने पूर्वाग्रहों द्वारा निर्देशित होने का चयन किया है, जिस पर उसे हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है। USCIRF  की सिफारिशें अमेरिकी सरकार पर बाध्यकारी नहीं हैं।

 

USCIRF ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में जिन अन्य देशों को इसके लिए वर्गीकृत करने की सिफारिश की है उनमें बर्मा, इरीट्रिया, ईरान, नाइजीरिया, उत्तर कोरिया, रूस, सऊदी अरब, सीरिया, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और वियतनाम शामिल हैं। SCIRF ने पिछले साल भी अमेरिकी सरकार को इसी तरह की सिफारिश की थी जिसे बाइडेन प्रशासन ने स्वीकार नहीं किया था। भारत USCIRF की रिपोर्टों को पूर्व में भी खारिज कर चुका है। विदेश मंत्रालय ने पूर्व में कहा था, 'हमारी सैद्धांतिक रुख यह है कि हम अपने नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों की स्थिति पर किसी विदेशी संस्था का कोई अधिकार नहीं देखते।'

 

विदेश मंत्रालय ने कहा था, 'भारत में एक मजबूत सार्वजनिक विमर्श और संवैधानिक रूप से अनिवार्य संस्थान हैं जो धार्मिक स्वतंत्रता और कानून के शासन के संरक्षण की गारंटी देते हैं।' पिछले साल इसके द्वारा की गई सिफारिशों में, पांच देशों - अफगानिस्तान, भारत, नाइजीरिया, सीरिया और वियतनाम  को अमेरिकी सरकार द्वारा विशेष चिंता वाले देश के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है।
 


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Content Writer

Tanuja

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