अमेरिका यात्राः UNGA समेत कई बैठकों में शिरकत करेंगे पीएम मोदी, आतंकवाद और अफगानिस्तान के मुद्दे पर रहेगा फोकस

Tuesday, Sep 21, 2021 - 05:34 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल से शुरू हो रही चार दिवसीय अमेरिका की यात्रा में अफगानिस्तान एवं आतंकवाद का मुद्दा फोकस में होगा तथा 24 सितंबर को वाशिंगटन में भारत अमेरिका ऑस्ट्रेलिया एवं जापान की चतुष्कोणीय फ्रेमवर्क शिखर बैठक में भी यह मुद्दा छाया रहेगा। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रधानमंत्री की यात्रा की जानकारी देने के लिए आज यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में अफगानिस्तान एवं आतंकवाद का मुद्दा द्विपक्षीय बैठकों एवं क्वाड शिखर सम्मेलन में निश्चित रूप से प्रमुखता से शामिल होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता कब्जाने के बाद क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर चर्चा होगी। हम कट्टरवाद, उग्रवाद, सीमापार आतंकवाद को नियंत्रित करने तथा वैश्विक आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने की जरूरत पर बात करेंगे। 

किन-किन मुद्दों पर होगा फोकस
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें अधिवेशन में भी इन मुद्दोंको प्रमुखता से उठाये जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान जितना हमारे लिये अहम मुद्दा है, उतना ही अहम अमेरिका के लिए भी है। उससे संबंधित सारे पहलुओं पर बात होगी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पिछले माह भारत की अध्यक्षता में पारित प्रस्ताव संख्या 2593 के क्रियान्वयन पर बात होगी जिसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान की धरती का किसी अन्य देश के खिलाफ हमले या हमले की साजिश रचने में नहीं किया जाएगा। इसके लिए किसी देश या गैर सरकारी शक्तियों के खिलाफ निगरानी रखने एवं आतंकवाद निरोधक कदम उठाने को लेकर भारत एवं अमेरिका दोनों देश सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि भारत एवं अमेरिका के बीच वैश्विक रणनीतिक साझीदारी में अमेरिका में हाल में यात्रा संबंधी सहूलियतें प्रदान की हैं। छात्रों को वीसा जारी करने के बाद अब पेशेवरों को भी वीजा दिया जा रहा है। भारत में टीकाकरण 80 करोड़ से अधिक हो चुका है और भारत जल्द ही अपनी वयस्क आबादी का पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कर लेगा।      

विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, श्रृंगला समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी जाएंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही अमेरिका पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी की उनसे यह पहली रूबरू मुलाकात होगी। हालांकि 2014 में उपराष्ट्रपति के रूप में बाइडेन ने मोदी की पहली अमेरिका यात्रा पर उनके लिए भोज का आयोजन किया था।

बाइडेन के साथ करेंगे द्विपक्षीय वार्ता
अमेरिका संसद के संयुक्त अधिवेशन में मोदी के अभिभाषण के कार्यक्रम की अध्यक्षता बाइडेन ने ही की थी। उन्होंने कहा कि मोदी अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से भी पहली बार मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि मोदी बाइडेन के साथ तीन बहुपक्षीय कार्यक्रमों में वर्चुअल माध्यम से शिरकत कर चुके हैं जिनमें क्वाड की शिखर बैठक, जी-7 शिखर बैठक और जलवायु परिवर्तन पर बाइडेन द्वारा आयोजित शिखर बैठक शामिल है। उन्होंने कहा कि बुधवार को भी मोदी वैश्विक कोविड सम्मेलन में वर्चुअल रूप से भाग लेंगे।

यात्रा के प्रमुख बिन्दुओं का उल्लेख करते हुए श्रृंगला ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक, क्वाड शिखर बैठक और संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में संबोधन के अलावा मोदी कुछ शीर्ष अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) एवं निवेशकों के साथ भी बैठक करेंगे। उन्होंने बताया कि क्वाड शिखर बैठक में 12 मार्च को वर्चुअल प्रकार से हुई क्वाड शिखर बैठक के बाद प्रगति की समीक्षा की जाएगी और समान हितों के क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन अफगानिस्तान, हिन्द प्रशांत क्षेत्र, कोविड महामारी तथा जलवायु परिवर्तन के मुद्दो पर केन्द्रित होगा। इस सम्मेलन में कोविड महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों और क्वाड टीकाकरण पहल की समीक्षा की जाएगी।

क्वाड देशों की बैठक में करेंगे शिरकत
क्वाड नेता स्वतंत्र, मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए अपने समान द्दष्टिकोण पर विचार मंथन करेंगे। इसके अलावा महत्वपूर्ण एवं नयी उभरती प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी एवं अवसंरचना, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता, आपदा राहत, जलवायु परिवर्तन एवं शिक्षा जैसे समसामयिक वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा।

अमेरिका, ब्रिटेन एवं ऑस्ट्रेलिया के नये समूह ऑकस के बनने से क्वाड की रणनीति पर प्रभाव के बारे में एक सवाल के जवाब में विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि क्वाड के अंतर्गत दरअसल स्वतंत्र, मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की दिशा में आवश्यक हर पहलू शामिल है जबकि ऑकस केवल तीन देशों का एक सुरक्षा समूह है। इससे दोनों समूहों या उसमें शामिल देशों के हितों में टकराव की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में सिंगापुर के शांगरीला डॉयलॉग में भारत के द्दष्टिकोण को सामने रखा था। 

संयुक्त राष्ट्र महासभा में मोदी के कार्यक्रम के बारे में एक सवाल पर श्रृंगला ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ मनायी जा रही है और मोदी इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र में सुधारों एवं उनके क्रियान्वयन के मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं।

Yaspal

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