लॉन्च के एक हफ्ते बाद ही चीनी DeepSeek AI लाया भूचाल, US में 600 अरब डॉलर का पहुंचाया नुकसान,  कई देशों ने किया बैन

punjabkesari.in Thursday, Jan 30, 2025 - 02:26 PM (IST)

International Desk:  लॉन्च के एक हफ्ते बाद ही चीन के DeepSeek AI को कुछ देशों में ब्लॉक कर दिया गया है। इटली और आयरलैंड पहले ऐसे देश बने हैं, जहां इस ऐप को एपल ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। इन देशों के रेगुलेटरी अधिकारी ऐप की डेटा नीतियों की जांच कर रहे हैं, जिससे इसकी प्राइवेसी पॉलिसियों पर सवाल उठ रहे हैं।  वहीं DeepSeek AI अमेरिका में लॉन्च होते ही बड़ी चर्चा का केंद्र बन गया है। इस ऐप ने अमेरिकी बाजार में हंगामा मचा दिया और बड़ी कंपनियों के लिए नई चुनौती पैदा कर दी है। सिर्फ दो दिनों में, DeepSeek ने Nvidia को लगभग 600 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचाया, और कंपनी की मार्केट वैल्यू में अरबों डॉलर की गिरावट आई।

 

अमेरिकी नेवी की चेतावनी 
अमेरिकी नेवी ने अपने कर्मियों को DeepSeek AI का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। नेवी ने इस ऐप को सिक्योरिटी और एथिकल कारणों से इस्तेमाल करने से बचने की चेतावनी दी है। इस बारे में अमेरिकी नेवी ने एक ईमेल भेजकर अपने मेंबर्स को बताया कि उन्हें DeepSeek के मॉडल को डाउनलोड, इंस्टॉल और इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह वॉर्निंग अमेरिकी नेवी के AI उपयोग नीति के तहत जारी की गई है।

 

DeepSeek ने अमेरिकी बाजार को हिला दिया 
यह चेतावनी DeepSeek R1 के रिलीज के बाद जारी की गई है, जो अमेरिकी ऐप स्टोर में Apple के ChatGPT को भी पीछे छोड़ चुका है। चूंकि DeepSeek का ओरिजिन चीन है, इसे डेटा सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित नहीं माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह ऐप यूजर्स के डेटा को चीन में स्टोर करता है, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

 

अमेरिका में चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध 
अमेरिका में चीनी कंपनियों के खिलाफ यही रवैया रहा है, और पहले ही Huawei और ZTE जैसी कंपनियों पर बैन लगाया जा चुका है। DeepSeek AI एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म है, जिसका मतलब है कि कोई भी इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके अपना ऐप्लिकेशन बना सकता है। ओपन सोर्स होने और इसकी सस्ती सर्विसेस के कारण यह ऐप तेजी से लोकप्रिय हुआ है, लेकिन इसका असर अमेरिकी कंपनियों पर भी पड़ा है।

 

 डेटा पॉलिसी पर उठ रहे सवाल 
DeepSeek ने अपनी लॉन्चिंग के कुछ ही दिनों में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की, और ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड के मामले में ChatGPT को भी पीछे छोड़ दिया। हालांकि, इसकी डेटा हार्वेस्टिंग नीतियों को लेकर चिंता जताई जा रही है। अन्य चीनी ऐप्स की तरह DeepSeek भी यूजर डेटा इकट्ठा करता है, जिसमें IP एड्रेस और चैट जैसी संवेदनशील जानकारी शामिल है। यही कारण हो सकता है कि इसे चीन के बाहर अपना अस्तित्व बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।

 

डेटा को कैसे संभालता है DeepSeek 
इटली के रेगुलेटरी अधिकारियों ने कंपनी से यह स्पष्ट करने को कहा है कि वह यूजर डेटा को कैसे संभालती है। इतालवी समाचार एजेंसी ANSA के अनुसार, इटली के डेटा सुरक्षा प्रमुख, पास्क्वेल स्टैनजियोन ने कहा कि वे यह जांचने के लिए कार्रवाई करेंगे कि क्या ऐप यूरोपीय संघ के डेटा सुरक्षा नियमों का पालन करता है। इसी तरह, आयरिश डेटा प्रोटेक्शन कमीशन ने भी DeepSeek को पत्र भेजकर डेटा प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी मांगी है।

 

 भारत में स्थिति 
भारत सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि DeepSeek से देश की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह खारिज किया है कि DeepSeek से भारत के संवेदनशील डेटा का चीन को भेजे जाने का कोई खतरा है। ऐप को एक स्टार्टअप द्वारा विकसित किया गया है और भारत में इस प्रकार के 7,000 स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं। 


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Content Writer

Tanuja

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