UPI से Online Payment करने वालों के लिए बड़ी खबर: सिर्फ एक स्कैन से खाली हो रहा लोगों का खाता!

punjabkesari.in Wednesday, Dec 18, 2024 - 04:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने भारत में ऑनलाइन लेनदेन को आसान और तेज़ बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही धोखाधड़ी के नए रास्ते भी खुल गए हैं। इनमें से एक बड़ा खतरा QR कोड स्कैम का है, जो लोगों को चुटकियों में हजारों रुपये गंवाने पर मजबूर कर रहा है। ये स्कैमर्स नकली QR कोड का इस्तेमाल कर लोगों को धोखा देते हैं। आइए जानते हैं कि ये स्कैम कैसे काम करता है और इससे बचने के लिए किन सावधानियों की जरूरत है।

QR कोड स्कैम कैसे काम करता है?

QR कोड आमतौर पर भुगतान को आसान बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन अब ये स्कैमर्स का नया हथियार बन गए हैं। धोखाधड़ी के लिए नकली या दुर्भावनापूर्ण QR कोड बनाए जाते हैं, जिन्हें दुकानों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, या अन्य भरोसेमंद जगहों पर लगाया जाता है।

स्कैमर ऐसा QR कोड तैयार करता है, जो देखने में किसी वैध लेनदेन से जुड़ा लगता है, लेकिन असल में यह आपके पैसे सीधे स्कैमर के खाते में भेज देता है। जब आप इस कोड को स्कैन करते हैं, तो आप धोखे से भुगतान की अनुमति दे देते हैं। कई बार QR कोड में एक फर्जी एपीके लिंक भी छुपा होता है, जो आपके फोन में दुर्भावनापूर्ण ऐप या सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करवा सकता है। ये ऐप आपके बैंक डिटेल्स और व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच बना सकता है।

QR कोड स्कैम से बचने के उपाय

  1. सीधे UPI ID का उपयोग करें
    किसी भी पेमेंट के लिए QR कोड पर निर्भर रहने के बजाय प्राप्तकर्ता की वैध UPI ID या मोबाइल नंबर पर सीधे पैसे ट्रांसफर करना बेहतर है। खासकर जब QR कोड का स्रोत संदिग्ध हो।

  2. संदिग्ध QR कोड से बचें
    किसी अनजान जगह या संदिग्ध व्यापारिक संस्थान के QR कोड स्कैन करने से बचें। सार्वजनिक स्थानों जैसे रेस्तरां, बाजार, या कियोस्क पर इस्तेमाल किए गए QR कोड को दोबारा जांचें कि वह किसी भरोसेमंद व्यापारी का हो।

  3. सुरक्षा के लिए अलग खाता बनाएं
    यूपीआई से जुड़े सभी प्लेटफॉर्म (Google Pay, PhonePe, Paytm) के लिए एक अलग बैंक खाता बनाएं, जिसमें सीमित राशि (जैसे, 3,000 से 4,000 रुपये) रखें। इससे, धोखाधड़ी की स्थिति में, आप अपनी मुख्य बचत को सुरक्षित रख सकेंगे।

  4. लिंक्स और भुगतान विवरण की जांच करें
    किसी भी संदिग्ध भुगतान अनुरोध या लिंक को स्वीकार करने से पहले उसकी जांच करें। फर्जी लिंक्स में अक्सर स्पेलिंग की गलतियां या अजीब डोमेन नाम होते हैं, जो आधिकारिक वेबसाइट से मेल नहीं खाते। 


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Content Writer

Anu Malhotra

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